Meesho IPO: ई-कॉमर्स कंपनी मीशो (Meesho) भी शेयर बाजार में एंट्री करने के लिए तैयार है। कंपनी ने अपना इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के पास गुपचुप तरीके से आवेदन जमा करा दिया है। इस मामले से वाकिफ सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि कंपनी अपने आईपीओ से करीब 4,250 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। इस कदम के साथ ही मीशो अब उन नए-जमाने की इंटरनेट कंपनियों में शामिल हो जाएगी, जो शेयर बाजार में एंट्री करने की तैयारी कर रही हैं।
सिर्फ पिछले दो हफ्तों में पाइन लैब्स, वेकफिट, क्योरफूड्स और शैडोफैक्स जैसी नए जमाने की टेक कंपनियों ने अपना IPO लाने के लिए आवेदन जमा कराया है। ये कंपनियां अपने आईपीओ के जरिए कुल करीब 6,000 करोड़ रुपये जुटाएंगी। इस राशि में ऑफर-फॉर-सेल (OFS) का हिस्सा शामिल नहीं है।
मनीकंट्रोल ने इससे पहले एक रिपोर्ट में बताया था कि मीशो इस साल सितंबर-अक्टूबर तक शेयर बाजार में लिस्टिंग की योजना बना रही है। कंपनी के आईपीओ का साइज करीब 8,500 करोड़ रुपये हो सकता है। इसमें नए शेयरों के इश्यू के साथ ऑफर-फॉर-सेल (OFS) का हिस्सा भी शामिल है।
मीशो ने खबर लिखे जाने तक मनीकंट्रोल के भेजे सवालों का जवाब नहीं दिया था।
मनीकंट्रोल ने एक रिपोर्ट में बताया था कि मीशो ने इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के लिए आवेदन करने से पहले अपने बोर्ड को रिस्ट्रक्चर किया था, खुद को पब्लिक इंटिटी में बदला था और अपने मुख्यालय को भी अमेरिका से भारत के बेंगलुरु में शिफ्ट किया था।
गोपनीय फाइलिंग का बढ़ रहा चलन
मीशो ने अपने संभावित IPO के लिए गोपनीय फाइलिंग (Confidential Filing) का विकल्प चुना है। शैडोफैक्स (Shadowfax), ग्रो (Groww) सहित कई दूसरे स्टार्टअप्स ने भी हाल ही में इस रास्ते के जरिए आईपीओ के लिए आवेदन किया है। गोपनीय फाइलिंग का मतलब है कि कंपनी अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) को सार्वजनिक रूप से शेयर बाजार या आम निवेशकों के सामने लाए बिना सीधे मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास गुप्त रूप से जमा करती है। SEBI ने साल 2022 में इस सुविधा को लॉन्च किया था।
इसका फायदा यह है कि इससे कंपनी को शुरुआत में बाजार की स्थितियों का आकलन करने और संवेदनशील जानकारी को राइवल कंपनियों से छिपाए रखने का मौका मिलता है। अगर बाजार की स्थिति ठीक नहीं हो, तो कंपनी IPO को रोक या टाल सकती है और उसकी कोई जानकारी भी लीक नहीं होती है। बाद में जब कंपनी IPO लाने का फैसला करती है, तब यह डॉक्यूमेंट पब्लिक डोमेन में जारी किया जाता है
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