NSE IPO: एनएसई के अनलिस्टेड शेयरों की बंपर डिमांड, 3 महीनों में 1 लाख से ज्यादा रिटेलर हुए प्री-IPO में शामिल

NSE IPO: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अनलिस्टेड शेयरों की कीमत 2021 में ₹740 से मई 2025 में ₹1,775 तक चार सालों में करीब 140% बढ़ी है। मई में एक ही हफ्ते में, कीमतें ₹1,800 से ₹2,300 तक बढ़ गईं

अपडेटेड Jul 29, 2025 पर 4:58 PM
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NSE में रिटेल शेयरधारकों की संख्या मार्च 2025 में 33,896 से बढ़कर जून 2025 में 146,208 हो गई जो चार गुना से भी ज्यादा का उछाल है

NSE IPO: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के लंबे समय से लंबित IPO को लेकर बढ़ती उम्मीदों के बीच अनलिस्टेड मार्केट में रिटेल निवेशकों में खूब उत्साह देखने को मिल रहा है।सिर्फ तीन महीनों में 1 लाख से ज्यादा रिटेल निवेशकों ने NSE के अनलिस्टेड शेयरों को खरीदा है, जिससे यह ग्रे मार्केट के इतिहास में सबसे बड़ी खरीददारी की होड़ में से एक बन गया है।

रिटेल निवेशकों की बढ़ती हिस्सेदारी

NSE में रिटेल शेयरधारकों की संख्या मार्च 2025 में 33,896 से बढ़कर जून 2025 में 146,208 हो गई जो चार गुना से भी ज्यादा का उछाल है। ₹2 लाख तक के शेयर रखने वाले व्यक्तिगत निवेशक अब 11.81% हिस्सेदारी रखते हैं, जबकि पिछली तिमाही में यह 9.89% थी। मार्केट पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह तेज वृद्धि प्री-IPO स्पेस में रिटेल प्रतिभागियों के बढ़ते प्रभाव को दिखाती है।


NSE के अनलिस्टेड शेयरों की कीमत 2021 में ₹740 से मई 2025 में ₹1,775 तक चार सालों में करीब 140% बढ़ी है। मई में एक ही हफ्ते में, कीमतें ₹1,800 से ₹2,300 तक बढ़ गईं।

NSE IPO की मौजूदा स्थिति क्या है?

NSE का IPO पिछले आठ सालों से पाइपलाइन में है। NSE के MD और CEO आशीष कुमार चौहान ने बताया कि एक्सचेंज अपनी लिस्टिंग योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए फिलहाल SEBI से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) का इंतजार कर रहा है। नियामक मंजूरी मिलने के बाद एक्सचेंज अपने शेयरों को BSE लिमिटेड पर सूचीबद्ध करने की योजना बना रहा है।

इससे पहले जून में SEBI के चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने कहा था कि IPO के लिए 'कोई बाधाएं नहीं' हैं, हालांकि उन्होंने कोई समय-सीमा बताने से इनकार कर दिया था। सालों से SEBI ने अनसुलझे मुद्दों का हवाला देते हुए NOC रोक रखा था। नियामक ने NSE से तकनीकी खामियों, चल रहे कानूनी मामलों को दूर करने और अपनी सहायक कंपनी, NSE क्लियरिंग में अपनी हिस्सेदारी कम करने को कहा था। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुराने मुद्दों को निपटाने के लिए NSE ने कथित तौर पर ₹1,388 करोड़ का भुगतान करने की पेशकश की है। ₹1,165 करोड़ को-लोकेशन मामले से संबंधित हैं और ₹223 करोड़ डार्क फाइबर मामले के लिए हैं।

रिटेल निवेशक कैसे खरीद सकते हैं NSE के अनलिस्टेड शेयर?

  • प्री-IPO सिक्योरिटीज वाले वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म।
  • वेल्थ मैनेजमेंट फर्म।
  • वेल्थटेक स्टार्टअप के माध्यम से

आपको बता दें कि लेनदेन से पहले निवेशकों को PAN और आधार विवरण का उपयोग करके KYC प्रोसेस को पूरा करना होगा।

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