Ola Electric IPO: 10 पॉइंट्स में जानें इश्यू साइज, रिजर्व हिस्से, रिस्क फैक्टर, रेवेन्यू, वैल्यूएशन समेत सारी जरूरी डिटेल्स
Ola Electric भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टूव्हीलर मेकर है। इसकी वैल्यूएशन सितंबर 2023 में करीब 5.4 अरब डॉलर आंकी गई थी। कंपनी ने अपना पहला इलेक्ट्रिक स्कूटर अगस्त 2021 में लॉन्च किया था और दिसंबर 2021 से इसकी डिलीवरी शुरू की। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का ऑपरेशंस से रेवेन्यू बढ़कर 2,630.93 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 373.42 करोड़ रुपये था
Ola Electric 2024 की शुरुआत में ही अपना पब्लिक इश्यू ला सकती है।
Ola Electric IPO: देश में पहली बार किसी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी की ओर से IPO लाने के लिए ड्राफ्ट पेपर जमा किए गए हैं। यह कंपनी है भाविश अग्रवाल की ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric)। यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टूव्हीलर मेकर है। इसकी वैल्यूएशन सितंबर 2023 में करीब 5.4 अरब डॉलर आंकी गई थी। इसके बड़े निवेशकों में जापान का सॉफ्टबैंक और सिंगापुर की Temasek शामिल हैं। कंपनी की ओर से मार्केट रेगुलेटर सेबी को जमा किए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स (DRHP) में यह जिक्र तो नहीं है कि IPO कब आएगा और प्राइस बैंड क्या होगा, लेकिन कई अन्य डिटेल्स की जानकारी दी गई है। आइए डालते हैं इन पर एक नजर...
कितना अमाउंट जुटाना चाहती है कंपनी
IPO की मदद से ओला इलेक्ट्रिक का प्लान 7,250 करोड़ रुपये जुटाने का है।
किस तरह का होगा इश्यू
ओला इलेक्ट्रिक IPO में नए शेयरों को जारी किए जाने के साथ-साथ ऑफर फॉर सेल (OFS) भी रहेगा। नए शेयरों को जारी कर 5,500 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे, जबकि ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से 1,750 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की जाएगी। DRHP की डिटेल्स के अनुसार, OFS में 10 रुपये फेस वैल्यू के 95,191,195 इक्विटी शेयरों की पेशकश की जाएगी।
OFS में कौन बेचेगा शेयर
OFS में ओला इलेक्ट्रिक के फाउंडर भाविश अग्रवाल की ओर से लगभग 4.74 करोड़ शेयरों को बिक्री के लिए रखा जाएगा। सॉफ्टबैंक, 2.39 करोड़ शेयरों को बिक्री के लिए रखेगा। इसके अलावा, टेमासेक, टाइगर ग्लोबल, अल्फा वेव, Tekne Private Ventures XV, Matrix पार्टनर्स इंडिया इनवेस्टमेंट्स, इंडस ट्रस्ट, Kaha Wave Ventures, एल्पाइन अपॉर्च्युनिटी फंड, DIG Investment Internet Fund, MacRitchie Investments, SVF II Ostrich जैसे Ola Electric के मौजूदा निवेशक भी OFS में शेयरों को बिक्री के लिए रखेंगे।
IPO के पैसों का कहां होगा इस्तेमाल
ओला इलेक्ट्रिक IPO में नए शेयरों को जारी करके आने वाले पैसों का इस्तेमाल इस तरह होगा...
- ₹1,226.4 करोड़ ओला सेल टेक्नोलॉजीस के गीगाफैक्ट्री प्रोजेक्ट के लिए खर्च होंगे।
- ₹1,600 करोड़ रिसर्च और डेवलपमेंट पर खर्च होंगे।
- ₹350 करोड़ ऑर्गेनिक ग्रोथ पहलों और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च किए जाएंगे।
- ₹800 करोड़ का इस्तेमाल Ola Electric Technologies के कर्ज चुकाने में किया जाएगा।
ओला इलेक्ट्रिक IPO में 75 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) के लिए, 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए और 10 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व रखा गया है।
कौन है रजिस्ट्रार और बुक रनिंग लीड मैनेजर
ओला इलेक्ट्रिक इश्यू के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, BofA सिक्योरिटीज इंडिया, गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल, ICICI सिक्योरिटीज, SBI कैपिटल मार्केट्स और BOB कैपिटल मार्केट्स, बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं। IPO के लिए रजिस्ट्रार Link Intime India है।
कितना रेवेन्यू
वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का ऑपरेशंस से रेवेन्यू बढ़कर 2,630.93 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 373.42 करोड़ रुपये था। जून 2023 तिमाही में ओला इलेक्ट्रिक का ऑपरेशंस से रेवेन्यू 1,242.75 करोड़ रुपये रहा। कंपनी का शुद्ध घाटा FY23 में लगभग दोगुना होकर 1472 करोड़ रुपये हो गया। FY22 में यह 784.1 करोड़ रुपये था।
कैसी है सेल्स
नवंबर 2023 में ओला इलेक्ट्रिक ने 30,000 यूनिट्स की बिक्री की। यह कंपनी की अब तक की सबसे अधिक बिक्री है। इसकी बाजार हिस्सेदारी 35% हो चुकी है। कंपनी ने अपना पहला इलेक्ट्रिक स्कूटर अगस्त 2021 में लॉन्च किया था और दिसंबर 2021 से इसकी डिलीवरी शुरू की। दिसंबर 2021 के बाद से कंपनी ने 300,000 से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल बेचे हैं। अभी इसके पोर्टफोलियो में 5 स्कूटर हैं।
ओला इलेक्ट्रिक 2024 की शुरुआत में ही अपना पब्लिक इश्यू ला सकती है। कंपनी की नजर अगले साल 7-8 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर है।
प्रमुख रिस्क फैक्टर्स
ओला इलेक्ट्रिक ने अपने DRHP में कहा है कि इसे शुरू हुए अभी बहुत ज्यादा वक्त नहीं हुआ है। कंपनी को अपने ऑपरेशंस से घाटा और निगेटिव कैश फ्लो है। निकट भविष्य में घाटा होना जारी रह सकता है। डिफेक्ट्स और क्वालिटी इश्यू कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग टाइमलाइन को प्रभावित करते हैं। कंपनी के सामने कई जोखिम भी हैं, जो ओला गीगाफैक्ट्री में इसकी इन-हाउस सेल मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं में बाधा खड़ी कर सकते हैं।