Ratnaveer Precision IPO: स्टेनलेस स्टील कंपनी रत्नवीर प्रिसिशन इंजीनियरिंग (Ratnaveer Precision Engineering) का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। इश्यू खुलने से पहले कंपनी ने छह एंकर निवेशकों से 49.5 करोड़ रुपये जुटाए हैं। एंकर निवेशकों को 98 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। अब ग्रे मार्केट में बात करें तो स्थिति थोड़ी सुस्त हुई है और इसकी GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) 2 रुपये फिसलकर 48 रुपये पर आ गई है। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल्स के आधार पर निवेश से जुड़ा फैसला लेना चाहिए।
Ratnaveer Precision IPO की डिटेल्स
रत्नवीर प्रिसिशन का आईपीओ 6 सितंबर तक खुला रहेगा। 165.03 करोड़ रुपये के इस आईपीओ के तहत 93-98 रुपये के प्राइस बैंड और 150 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकेंगे। इश्यू का आधा हिस्सा क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) और 35 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। आईपीओ की सफलता के बाद शेयरों का अलॉटमेंट 11 सितंबर को फाइनल होगा और 14 सितंबर को बीएसई-एनएसई पर लिस्टिंग है। इश्यू का रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम है।
आईपीओ के जरिए 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 135.24 करोड़ रुपये के 1.38 करोड़ नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा शेष 30.40 लाख शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री होगी। यह बिक्री प्रमोटर विजय रमनलाल सांघवी करेंगे। नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा।
Ratnaveer Precision के बारे में
रत्नवीर के गुजरात में चार मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। एक यूनिट में यह फिनिशिंग शीट, वॉशर और सोलर माउंटिंग हुक और दूसरे यूनिट में एसएस पाइप और ट्यूब बनाती है। तीसरे और चौथे यूनिट का उपयोग बैकवर्ड इंटीग्रेशन प्रोसेस के लिए किया जाता है। इसमें तीसरा मेल्टिंग यूनिट है और चौथा रोलिंग यूनिट है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में इसे सालाना आधार पर 18.7 फीसदी अधिक 9.5 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड प्रॉफिट मिला था। इसी अवधि में रेवेन्यू 74.6 फीसदी बढ़कर 426.9 करोड़ रुपये हो गया। अब पिछले वित्त वर्ष 2023 की बात करें तो शुरुआती पांच महीने यानी अप्रैल से अगस्त में इसे 169.5 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 8.9 करोड़ रुपये का प्रॉफिट मिला। इसका 77 फीसदी रेवेन्यू घरेलू कारोबार से आता है और बाकी निर्यात से।
आईपीओ में निवेश को लेकर क्या हैं रिस्क
अब रत्नवीर के आईपीओ में निवेश को लेकर रिस्क की बात करें तो स्टील के भाव मार्केट की डिमांट और आर्थिक परिस्थितियों पर निर्भर है तो इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव का रत्नवीर की कीमत पर सीधे असर दिखेगा। एक और बड़ा रिस्क रत्नवीर के लिए ये हैं कि इसका ज्यादातर रेवेन्यू कुछ ही ग्राहकों से आता है और घरेलू बिक्री की बात करें तो ज्यादातर यह पश्चिमी और उत्तरी जोन से है। इसके कारोबार में वर्किंग कैपिटल की जरूरत अधिक है और यह हाई वॉल्यूम-लो मार्जिन वाला कारोबार है।
एक रिस्क तो इसकी वित्तीय सेहत को लेकर है कि ऑपरेटिंग, इनवेस्टिंग और फाइनेंसिंग एक्टिविटीज के मामले में पिछले तीन वित्त वर्षों में इसका कैश फ्लो निगेटिव रहा है और अगर आगे भी ऐसी स्थिति रहती है तो इसके कारोबार और वित्तीय सेहत को झटका लग सकता है। एक और बड़ा रिस्क रत्नवीर के लिए ये है कि यह जिस इंडस्ट्री में है, उसमें कॉम्पटीशन काफी अधिक है और नई कंपनियों की एंट्री को लेकर कोई ताम-झाम नहीं है यानी कि एंट्री के लिए लो बैरियर है।