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Shiprocket IPO: गुपचुप तरीके से फाइल हो सकता है ड्राफ्ट, ₹2500 करोड़ जुटाने पर है नजर

Shiprocket IPO के लिए एक्सिस कैपिटल, बोफा सिक्योरिटीज, जेएम फाइनेंशियल और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं। शिपरॉकेट में ग्लोबल इनवेस्टमेंट कंपनी टेमासेक और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो का भी पैसा लगा हुआ है।

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड May 19, 2025 पर 10:40 PM
Shiprocket IPO: गुपचुप तरीके से फाइल हो सकता है ड्राफ्ट, ₹2500 करोड़ जुटाने पर है नजर
Shiprocket की शुरुआत जनवरी 2012 में साहिल गोयल और गौतम कपूर ने की थी।

Shiprocket IPO: लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स शिपिंग सॉल्यूशन प्रोवाइड करने वाली कंपनी शिपरॉकेट अपने IPO के जरिए 2,500 करोड़ रुपये तक जुटाना चाहती है। कंपनी की ओर से कॉन्फिडेंशियल रूट से IPO का ड्राफ्ट कैपि​टल मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास जमा किया जा सकता है। यह रूट कंपनियों को लिस्टिंग पर अंतिम फैसले पर पहुंचने तक गोपनीयता की सुविधा देता है। अगर जरूरी हो तो वे बाद में बाजार की स्थितियों के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किए बिना ड्राफ्ट को वापस भी ले सकती हैं।

कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग कंपनियों को सेंसिटिव बिजनेस डिटेल्स या फाइनेंशियल मेट्रिक्स और रिस्क्स को गोपनीय रखने की इजाजत देती है, खासकर कॉम्पिटीटर्स से। दूसरी ओर स्टैंडर्ड DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) फाइलिंग के बाद एक पब्लिक डॉक्युमेंट बन जाता है।

IPO में नए शेयरों के साथ-साथ OFS भी

न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में सोर्सेज के हवाले से कहा गया है कि शिपरॉकेट के IPO में नए शेयरों के साथ-साथ मौजूदा निवेशकों की ओर से ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) भी रहेगा। कंपनी पब्लिक इश्यू के जरिए करीब 2,000-2,500 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान कर रही है। IPO में नए शेयरों को जारी करके हासिल होने वाले पैसों का इस्तेमाल प्रोडक्ट डेवलपमेंट, रणनीतिक अधिग्रहण, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और कंपनी के टेक्नोलॉजी स्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए किया जाएगा।

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