Smartworks Coworking Spaces IPO: ऑफिस स्पेस मुहैया कराने वाली स्मार्टवर्क्स कोवर्किंग स्पेसेज का ₹582.56 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है। आईपीओ खुलने से पहले कंपनी ने एंकर निवेशकों से ₹173.64 करोड़ जुटाए थे। ग्रे मार्केट में बात करें तो इसके शेयर 32 रुपये यानी 7.86% की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल के आधार पर ही निवेश का फैसला लेना चाहिए। इस इश्यू के तहत नए शेयर जारी होंगे और ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत प्रमोटर्स शेयरों की बिक्री करेंगे। आईपीओ की सफलता के बाद शेयरों की बीएसई और एनएसई पर एंट्री होगी।
Smartworks Coworking Spaces IPO की डिटेल्स
स्मार्टवर्क्स कोवर्किंग स्पेसेज के ₹582.56 करोड़ के आईपीओ में ₹387-₹407 के प्राइस बैंड और 36 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकते हैं। एंप्लॉयीज को हर शेयर ₹37 का डिस्काउंट मिलेगा। यह इश्यू आज 10 जुलाई को खुला है और 14 जुलाई को बंद होगा। इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित है जबकि 15% नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) और 35% खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 15 जुलाई को फाइनल होगा। फिर बीएसई और एनएसई पर 17 जुलाई को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार एमयूएफजी इनटाइम (लिंक इनटाइम) है।
इस आईपीओ के तहत ₹445.00 करोड़ के नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा ₹10 की फेस वैल्यू वाले 33,79,740 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री होगी। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹114.00 करोड़ कर्ज चुकाने, ₹225.84 करोड़ नए सेंटर्स के सिक्योरिटी डिपॉजिट्स और नए सेंटर्स में फिट-आउट के कैपिटल एक्सपेंडिचर और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।
Smartworks Coworking Spaces के बारे में
वर्ष 2015 में बनी स्मार्टवर्क्स कंपनियों को उनकी जरूरतों के हिसाब से वर्कस्पेस मुहैया कराती है। मार्च 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी ने 1,52,619 सीटों के साथ 738 क्लाइंट्स को सर्विसेज दी है। अभी 1,69,541 सीट्स के साथ इसके 728 क्लाइंट्स हैं जिसमें से 12,044 सीट्स अभी अकुपाई होनी बाकी है। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹101.05 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था जोकि अगले वित्त वर्ष 2024 में घटकर ₹49.96 पर आ गया। हालांकि अगले ही वित्त वर्ष में इसका घाटा फिर बढ़ा और यह ₹63.18 करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान कंपनी का लगातार बढ़ा। और सालाना 37% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹1,409.67 करोड़ पर पहुंच गया। कर्ज की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 में यह ₹515.39 करोड़ से गिरकर वित्त वर्ष 2024 में ₹427.35 करोड़ और फिर वित्त वर्ष 2023 में ₹397.77 करोड़ पर आ गया।
क्या कहना है एक्सपर्ट्स का, IPO में पैसे लगाएं या नहीं?
स्मार्टवर्क्स देश की सबसे बड़ा मैनेज्ड कैंपस ऑपरेटर है जिसके पास वित्त वर्ष 2025 के आंकड़ों के मुताबिक 59 सेंटर्स पर 89 लाख स्क्वेयर फीट का लीज्ड पोर्टफोलियो है। ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी ने लॉन्ग टर्म के लिए इस इश्यू को सब्सक्राइब रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि वैरिएबल रेंटल और मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए कंपनी एसेट-लाइट स्ट्रैटेजी की तरफ शिफ्ट हो रही है। इसकी कैपिटल एफिसिएंसी सुधर रही है। इसके अलावा वैल्यू एडेड सर्विसेज और फिट-आउट-ऐज-अ-सर्विस स इसके कारोबार को और मजबूती मिल रही है। वैल्यूएशन को लेकर ब्रोकरेज का मानना है कि आईपीओ फुल्ली प्राइस्ड है तो इसे लॉन्ग टर्म के लिए सब्सक्राइब रेटिंग दी।
एक और ब्रोकरेज फर्म बजाज ब्रोकिंग ने इसे लॉन्ग टर्म के लिए सब्सक्राइब रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि एमएनसी ग्राहकों के साथ लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट पर जोर ने इसे अच्छा फायदा दिया है। ग्रॉस लेवल पर कैश ईबीआईटीडीए और रेवेन्यू ग्रोथ अच्छी रही है। हालांकि नेट लेवल पर इसे घाटा हुआ है लेकिन यह नए अकाउंटिंग स्टैंडर्ड के चलते है।
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