Master Components IPO: प्लास्टिक की चीजें बनाने वाली मास्टर कंपोनेंट्स (Master Components) का आईपीओ आज खुल गया है। इस आईपीओ के तहत नए शेयरों के अलावा ऑफर फॉर सेल (OFS) विंडो के जरिए भी शेयरों की बिक्री होगी। ग्रे मार्केट में बात करें तो इसके शेयरों को लेकर कोई एक्टिविटी नहीं दिख रही है। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फाइनेंशियल्स और फंडामेंटल्स के आधार पर निवेश से जुड़ा फैसला लेना चाहिए। मास्टर ग्रुप की इस कंपनी के शेयरों की NSE के SME प्लेटफॉर्म पर एंट्री होगी और इसके पियर्स ब्राइट ब्रदर्स (Bright Brothers), शैली इंजीनियरिंग प्लास्टिक (Shaily Engineering Plastic) और मित्सू केम प्लास्ट (Mitsu Chem Plast) हैं।
Master Components IPO की डिटेल्स
मास्टर कंपोनेंट्स का 15.43 करोड़ रुपये का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 21 सितंबर तक खुला रहेगा। इस आईपीओ में 140 रुपये के भाव और 1000 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकते हैं। आईपीओ का आधा हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। आईपीओ की सफलता के बाद शेयरों का अलॉटमेंट 26 सितंबर को फाइनल होगा और फिर 29 सितंबर को NSE SME पर शेयरों की एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार बिगशेयर सर्विसेज है।
इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 7 लाख नए शेयर जारी होंगे और 4.02 लाख शेयरों की ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत बिक्री होगी। नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा।
Master Components के बारे में
मास्टर ग्रुप की कंपनी मास्टर कंपोनेंट्स 1999 में बनी थी। इसका काम मुख्य रूप से मोल्डिंग का है यानी इलेक्ट्रिकल, मेडिकल, इंडस्ट्रियल और ऑटो सेक्टर की जरूरतों के मुताबिक मैटेरियल्स को ढालकर प्रोडक्ट्स बनाती है। यह थर्मप्लास्टिक इंजेक्शन मोल्डिंग, थर्मोसेट इंजेक्शन मोल्डिंग, थर्मोसेट ट्रांसफर मोल्डिंग और कंप्रेशन मोल्डिंग से जुड़ी सर्विसेज मुहैया कराती है। इसका प्लांट मुंबई-पुणे हाईवे पर नासिक में स्थित है। मार्च 2023 तक के आंकड़ों के हिसाब से इसके 25 से अधिक एंप्लॉयीज हैं और समय-समय पर प्रोजेक्ट के हिसाब से यह कॉन्ट्रैक्ट पर भी एंप्लॉयीज को काम पर रखती है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें पिछले तीन वित्त वर्षों से यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2021 में इसे 76.14 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। अगले ही वित्त वर्ष 2022 में यह बढ़कर 93.73 करोड़ रुपये और फिर वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 1.71 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2023 में इस पर 93.96 लाख रुपये का कर्ज था।