Credit Cards

'प्रचार के लिए मुझे किसी ने बुलाया ही नहीं...', जयंत सिन्हा ने BJP के कारण बताओ नोटिस पर दिया जवाब

Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को हजारीबाग लोकसभा सीट से मनीष जायसवाल को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद चुनाव प्रचार में भाग नहीं लेने और इस तरह पार्टी की छवि को खराब करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है

अपडेटेड May 23, 2024 पर 2:16 PM
Story continues below Advertisement
Jayant Sinha: बीजेपी ने हजारीबाग से मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को कारण बताओ नोटिस भेजा है

Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद जयंत सिन्हा ने लोकसभा चुनाव के प्रचार में शामिल नहीं होने पर उन्हें जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है। झारखंड की हजारीबाग से बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा ने गुरुवार को कहा पार्टी या प्रत्याशी की तरफ से चुनाव प्रचार के लिए उन्हें पूछा ही नहीं गया, लिहाजा चुनाव प्रचार से दूर रहा। साथ ही उन्होंने कहा कि मतदान के दिन वह विदेश में थे, इसलिए उन्होंने पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान किया।

बीजेपी ने हजारीबाग लोकसभा सीट से मनीष जयसवाल को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद चुनाव प्रचार में अनुपस्थित रहने के लिए जयंत सिन्हा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में आरोप लगाया गया है कि सिन्हा की निष्क्रियता से पार्टी की छवि खराब हुई है।

आदित्य साहू को दिया जवाब


सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर BJP के झारखंड महासचिव आदित्य साहू को लिखे अपने पत्र में कहा, "मुझे आपका पत्र पाकर बहुत आश्चर्य हुआ और पता चला कि आपने इसे मीडिया में भी जारी कर दिया है।" साहू ने आरोप लगाया है कि जब से मनीष जायसवाल को हज़ारीबाग़ लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया है तब से जयंत सिन्हा "संगठनात्मक कार्य और चुनाव प्रचार" में भाग नहीं ले रहे हैं।

इसके जवाब में सिन्हा ने कहा, "किसी भी पार्टी कार्यक्रम, रैलियों या संगठनात्मक बैठकों में आमंत्रित नहीं किया गया था।" सिन्हा ने कहा कि वह बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा की मंजूरी के बाद 2 मार्च को चुनाव से हट गए थे। लेकिन "आर्थिक और शासन नीतियों पर पार्टी का समर्थन करके खुश थे।"

मौजूदा हजारीबाग सांसद ने यह भी कहा कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से नए उम्मीदवार मनीष जयसवाल का समर्थन किया है। सिन्हा ने सीधे तौर पर प्रचार गतिविधियों में भाग नहीं लेने के आरोपों पर कहा, "अगर पार्टी चाहती थी कि मैं किसी भी चुनावी गतिविधियों में भाग लूं, तो आप निश्चित रूप से मुझसे संपर्क कर सकते थे। हालांकि, झारखंड से एक भी वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी या सांसद/विधायक मेरे पास नहीं आए।"

'बैठकों के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था'

उन्होंने कहा कि मुझे किसी भी पार्टी कार्यक्रम, रैलियों या संगठनात्मक बैठकों के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था। यदि बाबू लाल मरांडी जी चाहते थे कि मैं चुनावी रैलियों में भाग लूं, तो वे निश्चित रूप से मुझे बुला सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। सिन्हा ने यह भी कहा कि 30 अप्रैल को उन्हें जायसवाल का फोन आया था, जिसमें उन्हें 1 मई को अपनी नामांकन रैली में आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह देर से जानकारी मिलने के कारण शामिल नहीं हो सके।

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी पंजाब के पटियाला में करेंगे जनसभा, UP में गरजेंगे अमित शाह

बीजेपी के प्रदेश महासचिव आदित्य साहू ने नोटिस में कहा था, "जब से पार्टी ने मनीष सिन्हा को हजारीबाग लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है, तब से आप (जयंत) संगठनात्मक कार्यों और चुनाव प्रचार में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। आपने अपने मताधिकार का प्रयोग करना भी उचित नहीं समझा। आपके आचरण के कारण पार्टी की छवि खराब हुई है।"

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।