इस बार भी कांग्रेस सरकार बनाने से कोसों दूर, लगातार तीसरी बार कमजोर प्रदर्शन

पिछले दो लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस इस बार नई ऊर्जा के साथ चुनावी मैदान में है। मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस के लिए यह लोकसभा का पहला चुनाव है

अपडेटेड Jun 01, 2024 पर 9:25 PM
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राजनीति के जानकारों का कहना है कि इस बार कांग्रेस और BJP में मुकाबला कांटे का है।

एग्जिट पोल ने लोकसभा चुनाव के नतीजों का संकेत दे दिया है। न्यूज18 के एग्जिट पोल में कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहने के संकेत मिले हैं। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले उसकी सीटें थोड़ी ज्यादा रहेंगी। लेकिन, जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जु खड़गे ने 280 से ज्यादा सीटें मिलने का दावा किया था। वह सही साबित होता नहीं दिख रहा है। न्यूज18 के एग्जिट पोल में कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया अलायुंस को 125-140 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।

लगातार तीसरी बार कांग्रेस का खराब प्रदर्शन

पिछले दो लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस (Congress) का प्रदर्शन बहुत खराब रहा था। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर से कांग्रेस एक तरह से खुद का बचा नहीं पाई। 2019 में भी कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा। इस बार कांग्रेस पिछले दो लोकसभा चुनावों के मुकाबले दमदार स्थिति में दिख रही थी। 20014 और 2019 में वह यूपीए का हिस्सा थी। इस बार वह इंडिया अलायंस का हिस्सा है। कई लोकसभा सीटों पर वह एनडीए को अच्छी टक्कर देती दिख रही थी। इंडिया अलायंस में कांग्रेस के अलावा सपा, राजद और आप सहित करीब 28 दल शामिल हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने पार्टी की पारंपरिक सीट रायबरेली से चुनाव लड़ा। पिछली बार की तरह वह केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव में लड़ रहे थे।


2009 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 116 सीटें

2009 में यूपीए (UPA) को एनडीए से ज्यादा सीटें मिली थीं। मनमोहन सिंह दोबारा प्रधानमंत्री बने थे। तब कांग्रेस को 206 सीटें मिली थी। BJP सिर्फ 116 सीटें जीत सकी थी। 2004 के लोकसभा चुनावों के बाद यह कांग्रेस की लगातार दूसरी जीत थी, जबकि बीजेपी की लगातार दूसरी हार थी। लेकिन, यूपीए का दूसरा कार्यकाल विवादों से भरा रहा। सहयोगी दलों के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के एक के बाद एक आरोपों ने यूपीए के दामन पर कई दाग लगा दिए। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दबाव में फैसले लेने के आरोप लगे।

2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर में डूबी कांग्रेस

बीजेपी ने लोकसभा का 2014 का चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा। तब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने यूपीए की नाकामियों पर जोरदार हमले किए। उन्होंने बुनियादी समस्याओं के समाधान का वादा कर मतदाताओं का भरोसा हासिल करने की कोशिश की। उनकी कोशिश सफल रही। BJP 282 सीटें जीतने में सफल रही। उधर, कांग्रेस की सीटों की संख्या 206 से घटकर 44 रह गई। यह संभवत: आजादी के बाद लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली सबसे कम सीटें थी। राहुल गांधी अमेठी और सोनियां गांधी रायबरेली से चुनाव जीतने में सफल रहे। लेकिन, कांग्रेस के ज्यादातर बड़े नेताओं को पराजय का सामना करना पड़ा।

कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार दूसरी बार खराब

2019 के लोकसभा चुनावों के नतीजे भी एकतरफा रहे। कांग्रेस की सीटों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई। वह 52 सीटें जीत सकी। उधर, एक बार फिर बीजेपी ने दमदार प्रदर्शन किया। उसके सीटों की संख्या बढ़कर 303 पहुंच गई। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में मतदाताओं के भरोसे के संकेत के रूप में देखा गया। सरकार बनने के बाद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने के सरकार के फैसले को लेकर विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। हालांकि, केंद्र सरकार का दावा है कि 370 हटाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में स्थिति बेहतर हुई है।

इस बार दोनों दलों में कांटे का टक्कर दिखा था

इस बार कांग्रेस इंडिया की अलायंस की सबसे बड़ी पार्टी है। सीनियर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद यह देश की सबसे पुरानी राजनीतिक दल का पहला लोकसभा चुनाव है। इस बार कांग्रेस पिछले दो लोकसभा चुनावों के मुकाबले मजबूत दिख रही है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि इस बार कांग्रेस और BJP में मुकाबला कांटे का है। चुनाव के नतीजों से पर्दा तो 4 जून को हटेगा। पता चलेगा कि कांग्रेस और बीजेपी में से किस पार्टी के वादों पर मतदाताओं ने भरोसा किया है। लेकिन, एग्जिट पोल से दोनों गठबंधन को मिलने वाली सीटों की संख्या के संकेत मिल गए हैं।

कांग्रेस बीजेपी
2009 206 116
2014 44 282
2019 52 303
2024 - -

 

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