Lok Sabha Chunav: वोटिंग की जगह लोगों ने मनाया लॉन्ग वीकेंड! बड़े शहरों में कम मतदान, अब दिल्ली पर टिकी हैं सभी की निगाहें
Lok Sabha Election 2024: अब अगला बड़ा शहर दिल्ली है, जहां शनिवरा 25 मई को मतदान होगा। 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी, जो नौकरी पेशा लोगों के लिए गजेटेड हॉलीडे है। जिन लोगों को शनिवार को छुट्टी नहीं मिलती है, उनके लिए ये एक लॉन्ग वीकेंड होगा
Lok Sabha Chunav: वोटिंग की जगह लोगों ने मनाया लॉन्ग वीकेंड!
चेन्नई, बेंगलुरु, गाजियाबाद, मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ, कानपुर, आगरा और हैदराबाद ये भारत के वो बड़े शहर हैं, जहां लोकसभा चुनाव 2024 में कम वोटिंग हुई है। बड़ी बात ये है कि ये इलाके देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित हैं। इन सभी सीटों पर 60 प्रतिशत से कम मतदान हुआ है, कुछ सीटें तो 50 प्रतिशत से भी नीचे चली गईं। इन शहरों में वोटिंग के दौरान एक कॉमन फैक्टर ये था कि यहां मतदान वीकेंड में था, जिससे लोगों को वोटिंग वाले दिन की छुट्टी और वीकेंड की छुट्टियां एक मिल गईं।
अब अगला बड़ा शहर दिल्ली है, जहां शनिवरा 25 मई को मतदान होगा। 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी, जो नौकरी पेशा लोगों के लिए गजेटेड हॉलीडे है। जिन लोगों को शनिवार को छुट्टी नहीं मिलती है, उनके लिए ये एक लॉन्ग वीकेंड होगा।
नोएडा, गाजियाबाद में भी कम मतदान
ऐसी ही स्थिति तब देखी गई जब, नोएडा और ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में 26 अप्रैल यानी शुक्रवार को मतदान हुआ। दोनों शहरों में मतदान दशकों में सबसे कम रहा। गाजियाबाद में, मतदान लगभग 50 प्रतिशत था, इसका मतलब है कि हर एक 100 मतदाताओं में से केवल 50 ही मतदान के लिए आए।
News18 से बात करते हुए, चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि दिल्ली कहानी बदल देगी। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हमने एक व्यापक मतदाता जागरूकता अभियान चलाया और हमें विश्वास है कि शहर आखिरी चरण में ज्यादा वोटिंग का एक उदाहरण साबित करेगा।"
दिल्ली में राष्ट्रीय औसत से कम मतदान
ये भी ध्यान रखना जरूरी है कि 2019 में दिल्ली में भी कम 60.6 प्रतिशत मतदान हुआ। शहर की सभी सात लोकसभा सीटों पर राष्ट्रीय औसत से कम मतदान हुआ। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सबसे ज्यादा 63.86 प्रतिशत और नई दिल्ली सीट पर सबसे कम 56.91 प्रतिशत मतदान हुआ।
इस बार, 2024 की लोकसभा में, पहले पांच चरणों में मतदान करने वाली कम से कम 126 लोकसभा सीटों पर 60 प्रतिशत से कम मतदान हुआ है। इसमें ऐसी 12 सीटें शामिल हैं, जहां मतदान 50 प्रतिशत से भी कम था।
वो 12 सीट हैं- कल्याण (47.08%), मुंबई दक्षिण (47.7%), हैदराबाद (48.48%), सिकंदराबाद (49.04%), मथुरा (49.41%), ठाणे (49.81%) और गाजियाबाद (49.88%)। इनमें से ज्यादातर शहरों में ज्यादा वर्किंग क्लास वाली आबादी है।
19 लोकसभा सीटों पर 51 से 55% वोटिंग
प्रमुख शहरों में आने वाली कम से कम 19 लोकसभा सीटों पर 51 से 55 प्रतिशत के बीच मतदान हुआ। इसमें मुंबई नॉर्थ सेंट्रल (51.42%), पोरबंदर (51.83%), मुंबई साउथ सेंट्रल (51.88%), लखनऊ (52.03%), कानपुर (53.05%) और बेंगलुरु साउथ (53.17%) शामिल हैं।
पुणे, गौतम बुद्ध नगर, मुंबई उत्तर, उत्तर पश्चिम और उत्तर पूर्व, चेन्नई सेंट्रल और दक्षिण, बैंगलोर मध्य और उत्तर, आगरा, नागपुर और अहमदाबाद पूर्व और पश्चिम भी इस ग्रुप हिस्सा थे।
अकेले वीकेंड ही कम वोटिंग का कारण नहीं है, लेकिन जब बात वर्किंग क्लास वाली आबादी की आती है, तब ये एक बड़ा फैक्टर बन जाता है। बड़ी बात ये है कि मतदान का दिन ज्यादातर ऑफिस में पेड लीव होता है।
गर्मी और लू भी बढ़ा रही हैं मुसीबतें
राष्ट्रीय राजधानी में लू की चेतावनी ने परेशानियां और बढ़ा दी हैं। सोमवार को, जब देश में 49 सीटों पर पांचवें चरण का मतदान हुआ, दिल्ली के कई हिस्सों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया।
मौसम विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में भीषण गर्मी के कारण अगले पांच दिनों के लिए शहर में 'रेड अलर्ट' जारी किया है। गर्मी की छुट्टियों के चलते सभी स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं।
हरियाणा में भी 25 मई को वोटिंग
दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा, गुड़गांव और फरीदाबाद में भी छठे चरण में मतदान होगा। उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद की तरह ही हरियाणा के ये दोनों शहर भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का हिस्सा हैं।
2019 में, गुड़गांव, जिसे आधिकारिक तौर पर गुरुग्राम कहा जाता है, वहां 67.33 प्रतिशत मतदान हुआ और फरीदाबाद में 64.1 प्रतिशत मतदान हुआ - जो राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के दूसरे शहरों की तुलना में काफी बेहतर है। 1 जून को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) आखिरी चरण के मतदान के बाद 4 जून को वोटों की गिनती की जाएगी।