Lok Sabha Chunav Result: हिंदी हार्टलैंड में चलेगा मोदी मैजिक, BJP की ये रणनीति सही साबित कर देगी Exit Poll के नतीजे
भारत में राजनीतिक शक्ति को आकार देने में हिंदी पट्टी या हिंदी बेल्ट एक बड़ा फैक्टर है। नौ राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों - बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ ये वो राज्य हैं, जो अक्सर ये तय करते हैं कि दिल्ली में सरकार किसकी बनेगी
Lok Sabha Chunav Result: हिंदी हार्टलैंड में चलेगा मोदी मैजिक
भारत में राजनीतिक शक्ति को आकार देने में हिंदी पट्टी या हिंदी बेल्ट एक बड़ा फैक्टर है। नौ राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों - बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ ये वो राज्य हैं, जो अक्सर ये तय करते हैं कि दिल्ली में सरकार किसकी बनेगी। News18 एग्जिट पोल में BJP के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन के लिए खुश खबरी आ रही है और एक बार फिर भगवा पार्टी जीत की ओर बढ़ती दिख रही हैं।
2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में, हिंदी पट्टी बीजेपी की जीत के केंद्र में थी, जीती गई सीटों में 50% से ज्यादा इनका योगदान था। 543 में से करीब 226 लोकसभा सीट हिंदी पट्टी की हैं।
आम चुनाव से पहले 2023 की सर्दियों में हुए विधानसभा चुनावों को मुख्य लड़ाई से पहले सेमीफाइनल के रूप में देखा गया था। हिंदी पट्टी में तीन राज्यों की जीत ने बीजेपी कार्यकर्ताओं में एक नए जोश भर दिया था। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को हराना और साथ ही मध्य प्रदेश को बरकरार रखना भगवा पार्टी के लिए एक बड़ी कामयाबी है।
Exit Poll में हिंदी बेल्ट वाले राज्यों के नतीजे
उतार प्रदेश
उत्तर प्रदेश- एक ऐसा राज्य जिसे बीजेपी के 'मिशन 400' के सपने को साकार करने वाला राज्य माना जाता है, News18 मेगा एग्जिट पोल के मुताबिक, बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA को 68-71 सीटें मिलने का अनुमान है। 2019 में भाजपा को 62 सीटें मिली थीं, लेकिन ये प्रदर्शन 2014 जैसा नहीं था, जब उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 71 सीटों पर कब्जा जमाया था। मेगा एग्जिट पोल में राज्य में I.N.D.I.A. को 9-12 सीटें दी गई हैं।
बिहार
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य बिहार, जहां JDU प्रमुख नीतीश कुमार के NDA में शामिल होने के बाद बड़ा राजनीतिक मंथन हुआ है, वहां NDA समूह को लगभग 31-34 सीटें और I.N.D.I.A. गुट को लगभग 6-9 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में बीजेपी-जेडी(यू)-एलजेपी गठबंधन ने राज्य की 40 में से 39 सीटें जीती थीं। RJD के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन के लिए, किशनगंज सीट कांग्रेस के पास गई।
राजस्थान
बीजेपी और उसके सहयोगियों को राजस्थान की 25 सीटों में से 18-23 सीटें जीतने की उम्मीद है, जबकि कांग्रेस और उसके I.N.D.I.A. ब्लॉक को सिर्फ 2-7 सीटें मिलने की संभावना है। 2019 के चुनावों में, BJP ने राजस्थान में 59.07% वोट शेयर के साथ 25 में से 24 सीटें जीतकर जीत हासिल की। कांग्रेस को 34.59% वोट मिले, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई। बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने 2.06% वोट शेयर के साथ एक सीट जीती।
छत्तीसगढ़
News18 एग्जिट पोल का अनुमान है कि छत्तीसगढ़ में 2019 के नतीजों से बहुत कुछ अलग नहीं होगा। यहां 11 में बीजेपी और NDA को 9 से11 लोकसभा सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस और I.N.D.I.A. ब्लॉक के 0-2 पर सिमट सकता है। 2019 के लोकसभा चुनावों में, बीजेपी ने 51.44% वोट शेयर के साथ छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से 9 सीटें जीतीं। कांग्रेस ने 41.51% वोट शेयर के साथ बाकी दो सीटें हासिल कीं।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में, बीजेपी के नेतृत्व वाला NDA सभी 29 सीटों में से 26-29 सीटें हासिल कर सकता है, जबकि कांग्रेस और I.N.D.I.A. गुट 0-3 सीटों पर सिमट सकता है। BJP ने 2019 में मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 58% वोट शेयर के साथ 28 सीटें हासिल कीं। राज्य भर में 34.5% वोट शेयर के साथ कांग्रेस को एक ही सीट मिली।
हिंदी बेल्ट में मोदी और हिंदुत्व अब भी बड़ा आकर्षण
हिंदी पट्टी के इन राज्यों में एक बिहार को अगर छोड़ दिया जाए, तो बाकी सभी में बीजेपी अकेले अपने दम पर लड़ रही हैं। केवल में बिहार में उसे गठबंधन की जरूरत पड़ रही है। हालांकि, उस गठबंधन में भी बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में भी रही है।
हिंदी भाषी राज्यों में अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और हिंदुत्व का एक बड़ा आकर्षण बरकरार हैं। राम मंदिर बनने के बाद पार्टी ने इसे काफी अच्छे भूनाने की कोशिश भी की है और अगर एग्जिट पोल के नतीजों जैसे ही लोकसभा चुनाव के परिणाम रहते हैं, तो इस बात पर मुहर भी लग जाएगी।
2009 में हिंदी बेल्ट सीटों के कुल नतीजे
2009 में हिंदी पट्टी में कांग्रेस को 79 सीट मिलीं और 29 फीसदी वोट प्रतिशत रहा। जबकि बीजेपी को 63 सीट और 25.51% वोट मिला।
2014 में केंद्र की सत्ता बदली और बीजेपी ने इन सीटों पर 190 सीटों पर बाजी मारी। साथ ही बीजेपी का वोट प्रतिशत 43.62% रहा। इस चुनाव में कांग्रेस इतनी नीचे गिरी कि वो सिर्फ आठ सीटों पर सिमट गई और 17.78 फीसदी वोट मिला।
2019 में जबरदस्त उछला BJP का ग्राफ
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का ग्राफ बहुत जबरदस्त ऊपर गया। हालांकि, इस चुनाव में उसके कुछ सीटों का नुकसान उठाना पड़ा और उसे इस बार 177 सीट मिलीं। उसके अच्छी बात ये रही कि पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ कर 49.22 फीसदी हो गया।
कुछ हिंदी भाषी राज्यों में, बीजेपी ने 2019 में क्लीन स्वीप किया, जिसमें हरियाणा में 10, दिल्ली में सात, हिमाचल प्रदेश में चार और उत्तराखंड में पांच राज्य शामिल हैं।
कांग्रेस का ग्राफ इस चुनाव में और भी नीचे गिर गया और वो सिर्फ 6 सीटों पर ही रह गई। हालांकि, कांग्रेस का भी हिंदी बेल्ट की सीटों में वोट प्रतिशत थोड़ा बढ़ कर 19.23 फीसदी हो गया।