Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को हजारीबाग लोकसभा सीट से मनीष जायसवाल को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद चुनाव प्रचार में भाग नहीं लेने और इस तरह पार्टी की छवि को खराब करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी कर 2 दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। सिन्हा ने पांचवें चरण के मतदान के दौरान सोमवार (20 मई) को हजारीबाग में अपना वोट भी नहीं डाला। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा हजारीबाग से मौजूदा सांसद हैं।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और हजारीबाग से मौजूदा सांसद जयंत सिन्हा (Jayant Sinha) को कारण बताओ नोटिस जारी कर 2 दिन के अंदर जवाब देने को कहा है। नोटिस में लिखा गया है, "जब से पार्टी ने मनीष जयसवाल को हजारीबाग लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है तब से आप (जयंत) संगठनात्मक कार्यों और चुनाव प्रचार में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इसके बावजूद इस लोकतंत्र के महापर्व में आपने अपने मताधिकार का प्रयोग करना भी उचित नहीं समझा। आपके आचरण से पार्टी की छवि खराब हुई है।"
बीजेपी के प्रदेश महासचिव आदित्य साहू ने यह नोटिस जारी किया है। पार्टी ने जयंत सिन्हा से दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। भविष्य की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर बीजेपी के प्रदेश महासचिव आदित्य साहू ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि यह जयंत सिन्हा के जवाब पर निर्भर करेगा।
हजारीबाग में ग्रामीणों ने मतदान का किया बहिष्कार
झारखंड के हजारीबाग जिले के एक गांव में 2,000 से ज्यादा मतदाता एक पुल के निर्माण की अपनी पुरानी मांग पूरी नहीं होने के विरोध में सोमवार (20 मई) को लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया। राजधानी रांची से करीब 105 किलोमीटर दूर कटकमदाग थाने के कुसुम्भा गांव के मतदाता वोटिंग में भाग नहीं लिए। यह गांव हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। मध्य विद्यालय, कुसुम्भा में स्थित मतदान केंद्र संख्या 183 और 184 में दोपहर तक कोई वोट नहीं पड़ा। चुनाव अधिकारियों को मतदाताओं का इंतजार करते देखा गया।
ग्रामीणों ने राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी) से एक पुल बनाने की मांग की है। हालांकि एनटीपीसी एक अंडरपास बना रहा है जिसके बारे में ग्रामीणों का कहना है कि यह उनके किसी काम का नहीं है। जिला प्रशासन ग्रामीणों की चिंताओं के निदान के लिए बीते कुछ महीनों से एनटीपीसी से चर्चा कर रहा है। नकुल महतो नाम के एक मतदाता ने दावा किया कि जो अंडरपास बनाया जा रहा है उससे ग्रामीणों की जरूरतें पूरी नहीं होतीं।