Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस ने सोनिया गांधी की लोकसभा सीट रायबरेली से पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी को चुनावी मैदान में उतार दिया है। गांधी परिवार की पारंपरिक सीट होने के चलते केरल की वायनाड से वर्तमान सांसद राहुल गांधी को इस सीट से उतारा गया है। इस बीच राहुल गांधी के खिलाफ वायनाड से चुनावी मैदान में उतरीं मुख्य प्रतिद्वंद्वी एनी राजा ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस को वायनाड के लोगों को बताना चाहिए था कि राहुल गांधी रायबरेली को दूसरी सीट मान रहे हैं।
CPM उम्मीदवार ने कहा कि भले ही यह फैसला अंतिम पल में लिया गया हो, लेकिन कांग्रेस पार्टी को ये साफ करना चाहिए था कि राहुल गांधी रायबरेली को दूसरी सीट मानते हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, एनी राजा (Annie Raja) ने कहा कि अगर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) दोनों सीटों से चुनाव जीत जाते हैं, तो यह वायनाड (Wayanad Lok Sabha Seat) या रायबरेली (Raebareli Lok Sabha Seat) में से एक की जनता के साथ अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी वायनाड दोनों जीत जाते हैं तो क्या इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि यह लोगों के साथ अन्याय होगा। राजा ने कहा कि हमेशा वायनाड को हल्के में लिया है। एनी राजा ने कहा, "यह उनकी नैतिकता पर सवाल खड़ा करता है।"
नामांकन के दिन रहस्य से उठा पर्दा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। राहुल ने इस सीट पर नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा समाप्त होने से मुश्किल से घंटा भर पहले अपना पर्चा दाखिल किया। कांग्रेस ने इससे पूर्व रायबरेली सीट पर उम्मीदवारी को लेकर बने रहस्य से पर्दा हटाते हुए शुक्रवार सुबह दिल्ली से राहुल गांधी को मैदान में उतारने की घोषणा की थी। रायबरेली पिछले दो दशक से उनकी मां सोनिया गांधी का निर्वाचन क्षेत्र रहा है।
नामांकन पत्र दाखिल करते समय राहुल के साथ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी तथा उनके पति राबर्ट वाड्रा भी मौजूद थे। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस दौरान गांधी परिवार के साथ थे।
राहुल गांधी 2019 में अमेठी सीट से चुनाव हार गए थे, लेकिन केरल की वायनाड सीट से जीते थे। उन्होंने इस बार भी वायनाड से चुनाव लड़ा है। कांग्रेस ने अमेठी लोकसभा सीट से गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। उनका मुकाबला वहां राहुल गांधी को मात दे चुकीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से होगा। अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी भी इस सीट से अपना नामांकन पत्र भर चुकी हैं। राहुल गांधी इस बार उस सीट से किस्मत आजमा रहे हैं जिसका प्रतिनिधित्व पूर्व में उनकी मां सोनिया गांधी, दादी इंदिरा गांधी और दादा फिरोज गांधी करते रहे हैं।
बीजेपी ने एक दिन पहले गुरुवार को दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से अपना उम्मीदवार घोषित किया था। वह 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी से हार गए थे। राहुल गांधी ने 26 अप्रैल को वायनाड में चुनाव से पहले केरल में प्रचार किया था। अटकलें लगाई जा रही थीं कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की दूसरी सीट से भी चुनाव लड़ेंगे। सोनिया गांधी खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए राज्यसभा में शिफ्ट हो गई हैं।
वायनाड से दे सकते हैं इस्तीफा
एक सुरक्षित सीट के रूप में देखी जाने वाली रायबरेली से राहुल गांधी फिर से उत्तर प्रदेश के सांसद बन सकते हैं। लेकिन उस स्थिति में अगर वह दूसरी बार केरल निर्वाचन क्षेत्र भी जीतते हैं तो उन्हें वायनाड से इस्तीफा देना होगा। रायबरेली और वायनाड की तुलना की जाए तो संभावना यह है कि गांधी परिवार अपने परिवार के गढ़ रायबरेली को अपने पास रखना चाहेगा। कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने कहा कि पार्टी यह फैसला बाद में लेगी।
उन्होंने कहा, "पहले चुनाव खत्म होने दीजिए, फिर पार्टी फैसला करेगी। राहुल गांधी दोनों सीटें जीतेंगे और हम सभी जानते हैं कि वायनाड में लोगों के मन में उनके लिए बहुत प्यार और स्नेह है। रायबरेली में भी हम सभी जानते हैं कि परिवार ने इसका प्रतिनिधित्व किया था। यह इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी और अब राहुल गांधी हैं। हम दोनों सीटें भारी अंतर से जीतेंगे।" बीजेपी के मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि राहुल गांधी वायनाड हारेंगे और इसीलिए वह रायबरेली से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।