उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 20 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। ऐसे में चारों ओर चुनावी माहौल अपने चरम पर है। ऐसे में लखनऊ में चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा, यहां का एक किस्सा चुनावी माहौल में चर्चा का विषय बन ही जाता है। बड़े से बड़े नेता और मंत्री तक इसकी चर्चा करते हैं, जिसमें कहा गया था कि 'लखनऊ में आशिक कम और मरीज ज्यादा रहते हैं।' आखिर ऐसा किसने और कब कहा था? यही जानने के लिए जब देश के जाने-माने इतिहासकार डॉ. रवि भट्ट से पूछा गया, तो उन्होंने विस्तार से पूरे किस्से को सुनाया।