Lok Sabha Elections 2024: मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति (CEC-EC Appointment) का मामला सुप्रीम कोर्ट (Surpeme Court) पहुंच गया है। कोर्ट में अर्जी दाखिल करके सरकार को नए अधिनियम के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त और EC को नियुक्त करने से सरकार को रोकने की मांग की गई है। इसके साथ ही याचिका में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले के अनुसार चुनाव आयोग के सदस्य की नियुक्ति के निर्देश देने की भी मांग की गई है। मध्य प्रदेश की कांग्रेस नेता जया ठाकुर इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
दरअसल, नए निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति की 15 मार्च को बैठक होने की उम्मीद जताई गई है। निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय की पिछले महीने रिटायरमेंट और अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे से निर्वाचन आयुक्तों के दो पद खाली हो गए हैं।
याचिका में लगाए गए ये आरोप
उन्होंने याचिका दाखिल कर सर्वोच्च अदालत से गुजारिश की है कि वह धारा 7 और 8 के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त और दूसरे चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से सरकार को रोके। कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीईसी और ईसी की नियुक्ति पर नया कानून स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के खिलाफ है। इस याचिका में यह भी कहा गया है कि इस मामले पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। इसकी वजह ये है कि लोकसभा चुनावों की घोषणा जल्द ही हो सकती है और एक चुनाव आयुक्त अरुण गोयल पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। याचिका में अरूप बरनवाल फैसले के मुताबिक चुनाव आयोग के सदस्य की नियुक्ति के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है।
बता दें कि निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने साल 2024 के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया था। गोयल का कार्यकाल पांच दिसंबर 2027 तक था। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के रिटायर होने के बाद वह अगले साल फरवरी में CEC की जिम्मेदारी मिलने की संभावना जताई जा रही थी।