Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) के बीच आधिकारिक गठबंधन की घोषणा हो चुकी है। लखनऊ के एक होटल में दोनों पार्टी के नेताओं एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन पर आधिकारिक ऐलान कर दिया। गठबंधन की शर्तों के मुताबिक, कांग्रेस UP में 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि यह निर्णय लिया गया है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बाकी 63 सीटों पर I.N.D.I.A. गठबंधन के उम्मीदवार होंगे - सपा और बाकी दलों से।''
यह घोषणा समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में की।
गठबंधन के ऐलान के बाद समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा, "समाजवादी पार्टी शुरू से ही गठबंधन चाहती थी, इसमें थोड़ी देरी हुई, क्योंकि बीजेपी हमारे सामने है। मैं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को बधाई देना चाहती हूं, क्योंकि गठबंधन अपनी मंजिल तक पहुंच गया है। इसके नतीजे बहुत अच्छे होंगे और लोग हमारा समर्थन करेंगे, क्योंकि युवा, महिलाएं, किसान... ये सभी नाराज और निराश हैं। आने वाले चुनाव में लोग हमें वोट देंगे।"
इसके अलावा दोनों पार्टियों के बीच लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के लिए मध्य प्रदेश को लेकर भी आम समझौता बन गया है। एसपी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बताया कि समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश में एक सीट खजुराहो पर चुनाव लड़ेगी और बाकी सीटों पर कांग्रेस का समर्थन करेगी।
प्रियंका गांधी के फोन कॉल के बाद बनी बात
बुधवार शाम को दोनों दलों के नेताओं की तरफ से संयुक्त रूप से औपचारिक घोषणा से पहले, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने संकेत दिया कि सब कुछ ठीक है और गठबंधन बरकरार है। इससे पहले प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने अखिलेश यादव को फोन किया और दोनों नेताओं के बीच सीट शेयरिंग की बातचीत फाइनल हुई।
सीट-बंटवारे की बातचीत में तब रुकावट आ गई थी, जब अखिलेश यादव ने कहा कि वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में तब तक शामिल नहीं होंगे जब तक कांग्रेस इस डील पर मुहर नहीं लगा देती। इसी कड़ी में बुधवार सुबह प्रियंका गांधी वाड्रा ने हस्तक्षेप किया और अखिलेश से फोन पर बातचीत की।
दोनों दलों के नेताओं ने सीट-बंटवारे को अंतिम रूप देने और मतभेद को खत्म करने के लिए अखिलेश यादव और मल्लिकार्जुन खड़गे को श्रेय दिया।