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Lok Sabha Elections 2024: आखिर कांग्रेस राहुल गांधी को क्यों वायनाड से चुनावी मैदान में उतारना चाहती है?

Lok Sabha Elections 2024: राहुल गांधी ने 2019 में दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ा था। अमेठी सीट से उनकी हार हुई थी, जबकि केरल के वायनाड सीट से वह जीत गए थे। कांग्रेस इस बार भी उन्हें वायनाड सीट से चुनावी मैदान में उतारना चाहती है। लेकिन, वामदल इसका विरोध कर रहे हैं

अपडेटेड Mar 01, 2024 पर 9:45 AM
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Lok Sabha Elections 2024: राहुल गंधी ने 2019 में वायनाड सीट से सीपीआई उम्मीदवार पीपी सुनीर को 4,31,770 वोटों के अंतर से पराजित किया था।

Lok Sabha Elections 2024: अभी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के वायनाड (Wayanad) से लोकसभा चुनाव लड़ने का औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन, सीपीआई के इस सीट से अपने उम्मीदवार घोषित कर देने के बाद गांधी के यहां से चुनाव लड़ने की चर्चा बढ़ गई है। सीपीआई ने अपने वरिष्ठ नेता एनी राजा को वायनाड से चुनावी मैदान में उतारा है। अब वाम दलों का गांधी और कांग्रेस से यह कहना है कि अगर गांधी वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो इससे क्या संदेश जाएगा। दरअसल, वामदल कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। वे नहीं चाहते कि वायनाड में गांधी का मुकाबला अनी राजा से हो। राजा सीपीआई महासचिव डी राजा की पत्नी हैं।

वामदलों ने कांग्रेस को दोबारा विचार करने को कहा

सीपीएम नेता बृंदा करात ने कहा, "राहुल गांधी और कांग्रेस को सोचने की जरूरत है। वे कहते हैं कि उनकी लड़ाई बीजेपी से है। अगर आप केरल में वायनाड से चुनाव लड़ते हैं तो इससे किस तरह का संदेश जाएगा? इसलिए उन्हें अपनी सीट के बारे में दोबारा सोचने की जरूरत है।" राष्ट्रीय स्तर पर सीपीआई और सीपीएम दोनों ही इंडिया गठबंधन के हिस्सा हैं। लेकिन, केरल में दोनों पार्टियां कांग्रेस को टक्कर दे रही हैं।


केरल में लोकसभा की सिर्फ 20 सीटें

दोनों वामदलों ने कांग्रेस को राहुल गांधी के लिए किसी अन्य राज्य में लोकसभा सीट तय करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि राहुल गांधी को ऐसी किसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, उनका मुख्य मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार से हो। उनका यह भी मानना है कि राहुल गांधी का केरल से चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं है, जहां लोकसभा की सिर्फ 20 सीटें हैं।

राहुल गांधी को हिंदी भाषी राज्य से चुनाव लड़ने की सलाह

सीपीएम और सीपीआई की दलील है कि राहुल गांधी को हिंदी भाषी राज्यों में किसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, जहां कांग्रेस का सीधा मुकाबला भाजपा से है। लेकिन, कांग्रेस वामदलों की इस राय से सहमत नहीं दिखती है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, "मेरे निर्वाचन क्षेत्र में पिछले दो चुनावों में भाजपा का उम्मीदवार दूसरे नंबर पर आया था। इसके बावजूद भाजपा-विरोधी वोटों का बड़ा हिस्सा कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में गया था, जो तीसरे नंबर पर था। अगर वे (वामदल) तिरुवनंतपुरम में मुझसे मुकाबला कर सकते हैं तो राहुल गांधी वायनाड में उनके टक्कर क्यों नहीं दे सकते?"

कांग्रेस के लिए सुरक्षित सीट रहा है वायनाड

राहुल गांधी की 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से हार हुई थी। हालांकि, उत्तर प्रदेश को गांधी परिवार का मजबूत किला माना जाता रहा है। लेकिन, वह वायनाड सीट से जीत गए थे। उन्होंने इस सीट से सीपीआई उम्मीदवार पीपी सुनीर को 4,31,770 वोटों के अंतर से पराजित किया था। उन्हें कुल 64.8 फीसदी वोट मिले थे। वायनाड सीट कांग्रेस के लिए सुरक्षित मानी जाती है, क्योंकि पिछले तीन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार इस सीट से जीतता रहा है।

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