Get App

Lok Sabha Elections 2024: यादव अखिलेश के साथ, तो कुर्मी किसके साथ? पिछड़ों में इन दो जातियों के हैं सबसे ज्यादा वोटर, कर सकते हैं खेल

Lok Sabha Elections 2024: विडंबना ही है कि दोनों सशक्त पिछड़ी जातियों का राजनीतिक मार्ग और रुझान एक जैसा कभी नहीं रहा। दोनों अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार अलग-अलग दिशाओं में ही चले हैं। अब 2024 के लोकसभा चुनाव में यादव और कुर्मी मतदाता किसके साथ रहेंगे

Brijesh Shuklaअपडेटेड Feb 17, 2024 पर 6:15 AM
Lok Sabha Elections 2024: यादव अखिलेश के साथ, तो कुर्मी किसके साथ? पिछड़ों में इन दो जातियों के हैं सबसे ज्यादा वोटर, कर सकते हैं खेल
Lok Sabha Elections 2024: यादव कुल जनसंख्या का लगभग सात प्रतिशत हैं, तो लगभग चार से पांच प्रतिशत कुर्मी हैं (FILE PHOTO)

Lok Sabha Elections 2024: संख्या के लिहाज से उत्तर प्रदेश में यादव और कुर्मी मतदाता पिछड़ों में सबसे ज्यादा हैं। यादव कुल जनसंख्या का लगभग सात प्रतिशत हैं, तो लगभग चार से पांच प्रतिशत कुर्मी हैं। लेकिन यह विडंबना ही है कि दोनों सशक्त पिछड़ी जातियों का राजनीतिक मार्ग और रुझान एक जैसा कभी नहीं रहा। दोनों अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार अलग-अलग दिशाओं में ही चले हैं। लेकिन पिछड़े वर्ग के सबसे सशक्त माने जाने वाले यादव मतदाता का रुख ज्यादातर गैर-कांग्रेस वाद की तरफ रहा। अपने सजातीय नेता सबसे ज्यादा आकर्षित करते रहे, लेकिन जब चौधरी चरण सिंह किसान नेता के रूप में उभरे, तो यह मतदाता उनके साथ चला गया। लेकिन राजनीति में जब मुलायम सिंह यादव का उदय हुआ, तो इसके बाद से यादव मतदाता या तो उनके साथ रहा या उनके परिवार के साथ।

उधर कुर्मी मतदाताओं की राह अलग ही रही। उन्होंने सामूहिक आधार पर किसी एक पार्टी को वोट दिया हो ऐसा नहीं कह सकते। हां, क्षेत्रीय आधार पर उनके नेता उभरे और कुर्मी मतदाता उनके साथ मजबूती से खड़ा भी रहा। अब अनुप्रिया पटेल, जो अपना दल सोनेलाल पटेल की पार्टी की नेता हैं और केंद्र में मंत्री भी हैं, उनका प्रभाव कुर्मी मतदाताओं में है, लेकिन उनकी बहन पल्लवी पटेल, जो अपना दल कमेरा की नेता हैं और उनकी मां कृष्णा पटेल कुर्मी मतदाताओं का समर्थन अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रहे हैं।

अब 2024 के लोकसभा चुनाव में यादव और कुर्मी मतदाता किसके साथ रहेंगे। अब तक जो रूख दिख रहा है, उससे तो यही लगता है की फिलहाल यह अखिलेश के साथ है। जहां तक यादव मतदाताओं के समर्थन का सवाल है, तो यह समाजवादी पार्टी का सबसे मजबूत स्तंभ रहा है और इसके साथ रहने से मुस्लिम मतदाता भी सपा के साथ ही जाता रहा।

सरोजिनी नगर के हीरा लाल यादव कॉलेज के सामने खड़े देवेंद्र यादव कहते हैं कि अब छुटपुट वोटों की बात तो नहीं करते, लेकिन ज्यादातर यादव मतदाता अखिलेश यादव के साथ ही हैं। क्यों? इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि अखिलेश यादव पिछड़ों का भला कर रहे हैं। मुलायम सिंह जी ने पिछड़ों और दलितों के लिए बहुत काम किया और अब वही काम अखिलेश यादव आगे बढ़ा रहे हैं।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें