Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश का बाराबंकी जिला अपनी स्थापना के बाद से कई संतों और साधुओं के लिए ध्यान भूमि, साहित्यिक बुद्धिजीवियों के लिए ‘साधना’ भूमि और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए ‘युद्धक्षेत्र’ रहा है। बाराबंकी, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 27 किलोमीटर दूर है। यह जिला देवा शरीफ की दरगाह के लिए भी प्रसिद्ध है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की सियासत में बाराबंकी लोकसभा सीट (Barabanki Lok Sabha Seat) का अहम योगदान है।
बाराबंकी सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 के 5वें चरण के तहत 20 मई को वोट डाले जाएंगे। बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र से 2019 के चुनाव में बीजेपी के उपेंद्र सिंह रावत जीते थे। उन्हें कुल 535917 वोट मिले थे। रावत के निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के राम सागर रावत को 425777 वोट मिले थे। राम सागर रावत इस सीट से 4 बार सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस के तनुज पूनिया को 159611 वोट मिले थे।
बाराबंकी लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने जिला पंचायत सदस्य (डीडीसी) बनकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। पहले पार्टी ने मौजूदा सांसद उपेंद्र सिंह रावत को खड़ा किया था। लेकिन उनका कथित अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया। उपेंद्र सिंह रावत ने निर्दोष साबित होने तक सार्वजनिक जीवन में कोई चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है।
दूसरी पार्टियों की बात करें तो सपा-कांग्रेस गठबंधन के तहत कांग्रेस से इस सीट पर एक बार फिर तनुज पूनिया को उम्मीदवार घोषित किया गया है। कांग्रेस के दिग्गज नेता पीएल पूनिया के बेटे तनुज पूनिया अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए चौथी बार चुनाव मैदान में होंगे। वरिष्ठ आईएएस रहे डॉ. पीएल पुनिया ने रिटायरमेंट के बाद बाराबंकी को ही अपनी राजनीति का केंद्र और कर्मस्थली बनाया, साथ ही जिले में कांग्रेस को मजबूत किया।
अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व
बाराबंकी लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। 2019 के चुनाव में बाराबंकी सीट पर मतदान प्रतिशत 64 प्रतिशत रहा था। कुल मतदाता 1816830 थे। पुरुष मतदाताओं की संख्या 970063, महिला मतदाताओं की संख्या 846712 थी। 2024 में बाराबंकी जिले के 23 लाख से अधिक मतदाता अपना सांसद चुनेंगे। बाराबंकी लोकसभा सीट के लिए पिछड़े और दलित वर्ग के मतदाताओं को बेहद अहम माना जाता है। इस लोकसभा क्षेत्र में एससी मतदाताओं की संख्या करीब 5 लाख, ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 16 लाख से ज्यादा और शहरी मतदाताओं की संख्या 2 लाख से ज्यादा है। बाराबंकी लोकसभा सीट में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं- कुर्सी, जैदपुर, रामनगर, हैदरगढ़ और बाराबंकी सदर।
बाराबंकी लोकसभा सीट का इतिहास
बाराबंकी लोकसभा सीट 1952 से 2019 तक कई दलों के कब्जे में रही। इस सीट पर अब तक कुल 17 बार चुनाव हुए हैं। इसमें से 5 बार कांग्रेस का कब्जा रहा। यह 3 बार बीजेपी और 2 बार सपा के हाथ में गई। बसपा ने बाराबंकी लोकसभा सीट से एक बार चुनाव जीता है।
1952 में जब इस सीट पर पहली बार चुनाव हुआ तो कांग्रेस के मोहन लाल सक्सेना ने बाजी मारी। उसके बाद 1957 में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई। फिर 1962, 1967 और 1971 के चुनाव में बाराबंकी सीट अलग-अलग पार्टी प्रत्याशी के हाथ में गई। 1977 और 1980 में यहां से जनता पार्टी और 1984 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की। इसके बाद 1989, 1991 और 1996 में बाराबंकी सीट से लगातार 3 बार अलग-अलग पार्टियों से राम सागर रावत जीते। चौथी बार वह 1999 में सपा से सांसद बने थे। बीच में 1998 में भी बाराबंकी सीट पर चुनाव हुआ, जिसमें बीजेपी जीती। 2004 में बसपा, 2009 में कांग्रेस, और 2014 व 2019 में बीजेपी ने बाजी मारी। 2014 में बीजेपी से प्रियंका रावत बाराबंकी जिले की पहली महिला सांसद बनीं।