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Loksabha Chunav 2024: चुनाव में जीत के लिए ये अनुष्ठान आएगा काम, चुनावी मैदान के शत्रु होंगे परास्त!

Loksabha Chunav 2024: चुनावी सरगर्मी की शुरुआत के साथ इसका प्रयोग भी शुरू हो गया है। वैसे तो कई लोग इसमें विश्वास रखते, तो कई ऐसे भी हैं, जो ये सब नहीं मानते हैं। इसलिए हम ये फैसला आपके ऊपर ही छोड़ते हैं। आइए जानते हैं काशी के ज्योतिषाचार्य से उन अनुष्ठानों के बारे में, जिससे चुनावी मैदान में शत्रुओं का पराजय होता है

अपडेटेड Apr 16, 2024 पर 8:24 PM
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Loksabha Chunav 2024: चुनाव में जीत के लिए ये अनुष्ठान आएगा काम, चुनावी मैदान के शत्रु होंगे परास्त!

Loksabha Chunav 2024: देशभर में लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) का माहौल अपने चरम पर है। ऐसे में आपको हर तरफ से नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप और पार्टियों के लोकलुभावन वादों की खबरें आ रही हैं। जाहिर चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपना रहे हैं। सनातन धर्म मे मंत्र, जप और तप का विशेष महत्व है। हिंदी पंचाग में इसके लिए कुछ तिथियों को बेहद खास माना जाता है। ऐसे में चुनावी साल वाले इस सीजन में चुनावी शत्रुओं को परास्त करने के लिए भी कई प्रयोग और अनुष्ठान राजसत्ता से जुड़े लोग करते है।

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) की सरगर्मी की शुरुआत के साथ इसका प्रयोग भी शुरू हो गया है। वैसे तो कई लोग इसमें विश्वास रखते, तो कई ऐसे भी हैं, जो ये सब नहीं मानते हैं। इसलिए हम ये फैसला आपके ऊपर ही छोड़ते हैं। आइए जानते हैं काशी के ज्योतिषाचार्य से उन अनुष्ठानों के बारे में, जिससे चुनावी मैदान में शत्रुओं का पराजय होता है।

पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि बगलामुखी पूजा से सभी तरह के भय और शत्रुओं पर विजय पाई जा सकती है। राजनीति के क्षेत्र में भी तमाम बाधाओं को दूर करने के लिए लोग इसका प्रयोग करते है। यह अनुष्ठान गुप्त तरीके से देश के कुछ प्रमुख शक्तिपीठों में किया जाता है, तो इसका फल मिलता है.


मिलता है विशेष लाभ

संजय उपाध्याय के मुताबिक, बगलामुखी देवी की साधना, आराधना और मंत्र जाप से राजनीति के क्षेत्र में विशेष लाभ मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, माता बगलामुखी चित शक्ति की देवी है। इनके पूजा से किसी भी क्षेत्र में शत्रुओं को परास्त किया जा सकता है।

गुप्त तरीके से करनी चाहिए साधना

माता बगलामुखी किसी भी क्रिया को विपरीत कर शत्रुओं को पराजित करती हैं। इसलिए अगर विद्वान ब्राह्मणों की तरफ से गुप्त तरीके से योग वैदिक पद्धति से इनका अनुष्ठान कराया जाए, तो इसका फल निश्चित तौर पर मिलता है।

इन जगहों पर होता है देवी का अनुष्ठान

इस अनुष्ठान के लिए मध्यप्रदेश के आगर जिले के नलखेड़ा में स्थित माता बगलामुखी देवी का मंदिर सबसे उपयुक्त है। इसके अलावा काशी में भी चौक क्षेत्र की गलियों में देवी का प्राचीन मंदिर है। मध्यप्रदेश और काशी के अलावा मिर्जापुर के विंध्यवासिनी मंदिर, असम के गुवाहाटी में स्थित कामख्या देवी, मुंडेश्वरी देवी सहित कई शक्तिपीठ है, जहां इन अनुष्ठानों के करने का फल प्राप्त होता है।

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