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Loksabha Elections 2024: नक्सली प्रभावित गढ़चिरौली में युद्ध जीतने से कम नहीं है शांतिपूर्ण मतदान का आयोजन, जानिए इस बार कैसी है तैयारी

Loksabha Elections 2024: गढ़चिरौली इलाका लंबे समय से नक्सलियों के प्रभाव में रहा है। यहां चुनाव करना युद्ध जीतने से कम नहीं रहा है। नक्सली कई बार चुनावों के दौरान हिंसा को अंजाम दे चुके हैं। इसलिए इस बार भी इस इलाके में 19 अप्रैल के मतदान के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 18, 2024 पर 11:47 AM
Loksabha Elections 2024: नक्सली प्रभावित गढ़चिरौली में युद्ध जीतने से कम नहीं है शांतिपूर्ण मतदान का आयोजन, जानिए इस बार कैसी है तैयारी
गढ़चिरौली निर्वाचन क्षेत्र में 11,000 सुरक्षकर्मियों की तैनाती की गई है।

Loksabha Elections 2024: लोकसभा के पहले चरण  के चुनाव 19 अप्रैल को होने जा रहे हैं। जिन इलाकों पर खास नजरें होंगी उनमें गढ़चिरौली शामिल है। यह इलाका दंडकारण्य जगल से घिरा हुआ है, जहां नक्सलियों का काफी ज्यादा प्रभाव रहा है। इस इलाके में सफलतापूर्वक मतदान एक बड़ा चैलेंज रहा है। इस बार भी चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए खास उपाय किए हैं। इसके इलाके में ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव नक्लियों के निशाने पर रहे हैं। नक्सली मतदाताओं को मतदान करने से रोकते हैं। वे उम्मीदवारों और मतदाताओं को डराते-धमकाते रहे हैं। धमकी नहीं मानने और मतदान करने वाले लोगों को नक्सलियों ने हिंसा तक का शिकार बनाया है।

1991 के चुनाव में नक्सलियों ने किया था विधायक का अपहरण

नक्सली हिंसा के लिहाज से अप्रैल 1991 में हुए लोकसभा के चुनाव काफी अहम हैं। तब मेडपल्ली में प्रचार के दौरान विधायक बाबा धर्मराव अत्राम को नक्लियों ने अगवा कर लिया था। उन्होंने उनकी रिहाई के लिए कामरेड शिवान्ना को छोड़ने की शर्त रखी थी। शिवान्ना पर कई पुलिसकर्मियों और आदिवासियों की हत्या के आरोप थे। पुलिस की लाख कोशिशों के बाद नतीजा नहीं निकलने पर राजनीतिक स्तर पर माओवादियों की मांग मान लेने का फैसला लिया गया।

क्रैक-60 कमांडो फोर्स काफी कारगर रही है

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