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'BJP और शिवसेना के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में दूसरी पार्टी के लोग', शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग में की शिकायत

शरद पवार (Sharad pawar) गुट ने शनिवार को कहा कि उसने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और एकनाथ शिंदे की अगुआई वाले शिवसेना (Shiv Sena) के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। शरद पवार गुट का कहना है कि बीजेपी और शिवसेना ने दूसरे दलों के लोगों के नाम अपने स्टार प्रचारकों की सूची में डालकर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम और आदर्श आचार सहिंता का उल्लंघन किया है

अपडेटेड Mar 30, 2024 पर 5:56 PM
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महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल से मतदान शुरू होगा

शरद पवार (Sharad pawar) गुट ने शनिवार को कहा कि उसने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और एकनाथ शिंदे की अगुआई वाले शिवसेना (Shiv Sena) के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। शरद पवार गुट का कहना है कि बीजेपी और शिवसेना ने दूसरे दलों के लोगों के नाम अपने स्टार प्रचारकों की सूची में डालकर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम और आदर्श आचार सहिंता का उल्लंघन किया है। एनसीपी (शरद पवार गुट), महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) का हिस्सा है। इसके साथ इस गठबंधन में शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस भी शामिल हैं।

शरद पवार की अगुआई वाली पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "हमने शिव सेना (एकनाथ शिंदे) और भारतीय जनता पार्टी की ओर से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम और आदर्श आचार संहिता के किए जा रहे घोर उल्लंघन को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।" बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल से मतदान शुरू होने वाला है। महाराष्ट्र में पांच चरणों में मतदान होगा।

एनसीपी (शरद पवार गुट) ने कहा, "शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने अपनी स्टार प्रचारक सूची में दूसरे राजनीतिक दलों के कई व्यक्तियों के नाम भी प्रकाशित किए हैं, जो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 77 का उल्लंघन है।" पार्टी ने इसके साथ ही चुनाव आयोग को दिए शिकायत-पत्र और दोनों पार्टियों की स्टार प्रचारकों की सूची भी टैग की।


एनसीपी (शरद पवार गुट) ने दावा किया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जैसे उच्च सार्वजनिक पद पर आसीन विभिन्न लोगों के नाम प्रकाशित किए हैं।

बयान में कहा गया है, "यह न केवल जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि आदर्श आचार संहिता का भी उल्लंघन है। नियम केंद्र या राज्य की सत्ताधारी पार्टी के प्रतिनिधियों को चुनाव अभियान के लिए अपने आधिकारिक पदों का इस्तेमाल करने से साफ तौर से प्रतिबंधित करते हैं।" पार्टी ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की पवित्रता की रक्षा के हित में चुनाव आयोग से दोनों पार्टियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

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