MP Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जारी मतदान के बीच मध्य प्रदेश कांग्रेस को बहुत ही बड़ा झटका लगा है। दरअसल, इंदौर लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस के साथ नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन सूरत जैसा खेला हो गया है। कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अब कांग्रेस के पास इंदौर में कोई प्रत्याशी नहीं बचा है। इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने सोमवार को बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला के साथ अपना नामांकन फॉर्म वापस लेने पहुंचे। वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) में औपचारिक रूप से शामिल होंगे।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और इंदौर से विधायक कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijaywargiya) ने पूर्व कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम (Indore Congress candidate Akshay Kanti Bam withdraws nomination) का बीजेपी में स्वागत करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक फोटो शेयर किया।
बम के साथ एक तस्वीर पोस्ट करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, "इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी श्री अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी, मुख्यमंत्री मोहन यादव जी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री वीडी शर्मा जी के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है।"
कैलाश विजयवर्गीय के साथ नजर आए बम
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपने X अकाउंट पर एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें बम उनके साथ कार में बैठे नजर आ रहे हैं। गाड़ी में उनके साथ स्थानीय बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला भी नजर आए। मेंदोला को विजयवर्गीय का विश्वस्त माना जाता है।
इस बीच, पीटीआई के मुताबिक बम के पत्रकार कॉलोनी स्थित घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। उनके घर के बाहर कांग्रेस के स्थानीय नेता जुटने शुरू हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी का मजबूत गढ़ कहे जाने इंदौर में कांग्रेस ने एकदम नये-नवेले चेहरे 45 वर्षीय बम को अपना उम्मीदवार बनाया था।
अक्षय कांति बम ने अपने राजनीतिक कॅरियर में अब तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा है। कांग्रेस ने उन्हें इंदौर से ऐसे वक्त उम्मीदवारी का मौका दिया था, जब जिले में कांग्रेस के तीन पूर्व विधायकों समेत पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव से पहले पाला बदलकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं।
इंदौर सीट पर बम का मुकाबला मुख्य रूप से बीजेपी के निवर्तमान सांसद 62 वर्षीय शंकर लालवानी से होना माना जा रहा था। मतदाताओं की तादाद के लिहाज से प्रदेश में सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र इंदौर में 25.13 लाख लोगों को मताधिकार हासिल है जहां बीजेपी ने इस बार आठ लाख मतों के अंतर से जीत का नारा दिया है।