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MP Lok Sabha Election: 6 बार के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते की इस बार मंडला से राह नहीं है आसान, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट

MP Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस ने दावा किया कि उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के लिए कोई काम नहीं किया। राज्य के महाकोशल क्षेत्र में मंडला (अजजा-आरक्षित) से मौजूदा सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता कुलस्ते का मुकाबला कांग्रेस के डिंडोरी विधानसभा सीट से विधायक ओंकार सिंह मरकाम से है

अपडेटेड Apr 18, 2024 पर 3:15 PM
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MP Lok Sabha Election 2024: बीजेपी का मानना है कि 'मोदी फैक्टर' कुलस्ते के पक्ष में काम करेगा

Madhya Pradesh Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 19 अप्रैल को जिन राज्यों में मतदान होंगे उनमें मPOLध्य प्रदेश की छह सीटें भी शामिल हैं। इनमें मंडला ऐसी लोकसभा सीट है, जिस पर सबकी नजर है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सत्ता विरोधी लहर केंद्रीय मंत्री और छह बार के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते (Faggan Singh Kulaste) के लिए मंडला से इस लोकसभा चुनाव की लड़ाई को थोड़ा कठिन बना सकती है जो 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में हार गए थे।

बीजेपी का मानना है कि 'मोदी फैक्टर' कुलस्ते के पक्ष में काम करेगा। वहीं कांग्रेस ने दावा किया कि उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के लिए कोई काम नहीं किया। राज्य के महाकोशल क्षेत्र में मंडला (अजजा-आरक्षित) से मौजूदा सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता कुलस्ते का मुकाबला कांग्रेस के डिंडोरी विधानसभा सीट से विधायक ओंकार सिंह मरकाम से है।

19 अप्रैल को होगा मतदान


मंडला लोकसभा सीट पर शुक्रवार 19 अप्रैल को मतदान होगा। मंडला में आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं जिनमें से छह अनुसूचित जनजाति के लिए और एक अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने इनमें से पांच क्षेत्रों में जीत हासिल की। हालांकि उसकी सामूहिक जीत का अंतर केवल 16,000 वोट से था।

कौन है कुलस्ते?

कुलस्ते ने 2019 का लोकसभा चुनाव लगभग 98,000 वोटों के अंतर से जीता था। वह दूसरी बार अपने चुनावी प्रतिद्वंद्वी के रूप में मरकाम का सामना कर रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में कुलस्ते ने मरकाम को 1.10 लाख वोटों के अंतर से हराया था। भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में कुलस्ते को निवास सीट से मैदान में उतारा था, जब कांग्रेस के चैन सिंह वरकड़े ने उन्हें 9,700 से अधिक वोटों से हराया था।

केंद्रीय मंत्री के भाई रामप्यारे कुलस्ते 2018 में मंडला विधानसभा सीट पर कांग्रेस से हार गए थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बसोरी सिंह मसराम ने मंडला से फग्गन सिंह कुलस्ते को करीब 65,000 वोटों से हराया था। जबलपुर में एक हिंदी दैनिक के पूर्व संपादक, रवींद्र दुबे ने पीटीआई से बातचीत में दावा किया कि कुलस्ते परिवार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है।

2019 के रिजल्ट

उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में, कई भाजपा उम्मीदवार तीन से चार लाख वोटों के अंतर से जीते थे, क्योंकि विभिन्न विचारधाराओं के मतदाताओं ने राष्ट्रवाद के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया था। लेकिन फग्गन सिंह कुलस्ते एक लाख से भी कम वोटों से जीते।

उन्होंने कहा, "इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मतदाताओं के साथ जुड़ाव, राम मंदिर उद्घाटन और जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले आर्टिकल 370 को निरस्त करने की पृष्ठभूमि में 'मोदी मैजिक' काम कर सकता है।"

दुबे ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के उम्मीदवार से भी चुनौती मिल सकती है। जीजीपी अब तक मंडला सीट जीतने में नाकाम रही है। इसके उम्मीदवारों रामगुलाम उइके (2019 में) और अनुज गंगा सिंह (2014 में) को क्रमशः 49,000 और 56,000 वोट मिले थे। इस बार जीजीपी ने लखनादौन कस्बे से वकील महेश कुमार बट्टी को मैदान में उतारा है।

बीजेपी ने किया प्रचंड जीता का दावा

भाजपा के मंडला जिले के मीडिया प्रभारी सुधीर कसार ने कहा कि उन्हें जीत की उम्मीद है, लेकिन पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर हो सकती है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई उन योजनाओं के कारण ग्रामीण इलाकों में महिलाएं भाजपा से खुश हैं जिनके चलते उन्हें घर, पानी, मुफ्त राशन मिला।" कसार ने कहा कि मंडला-जबलपुर हाईवे की हालत से लोग नाराज हो सकते हैं, लेकिन इस पर काम चल रहा है।

कुलस्ते के बारे में कसार ने दावा किया कि राज्य में उनके जैसा दूसरा आदिवासी नेता नहीं है, जिन्होंने मंडला सीट से छह बार जीत हासिल की है। उन्होंने कहा, "इससे पता चलता है कि वह मतदाताओं के बीच लोकप्रिय हैं।" उन्होंने बताया कि कुलस्ते ने 2019 में मंडला से लगभग एक लाख वोटों से जीत हासिल की, जबकि 2018 में कांग्रेस ने इसके अंतर्गत आने वाले आठ विधानसभा क्षेत्रों में से छह में जीत हासिल की थी।

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कसार ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों के लिए वन मानदंडों और प्रतिबंधों के कारण लोकसभा सीट के अधिकतर हिस्सों में उद्योग स्थापित नहीं किए जा सकते। उन्होंने कहा कि लेकिन, सभी ग्रामीण इलाकों में सड़क संपर्क है, 95 प्रतिशत गांवों का विद्युतीकरण हो चुका है, जबकि शेष को नियमों के तहत सौर ऊर्जा से जोड़ दिया गया है। मंडला लोकसभा सीट पर 20,97,051 लाख मतदाता हैं, जिनमें 10,48,096 लाख पुरुष, 10,48,930 महिलाएं और 25 थर्ड जेंडर के व्यक्ति शामिल हैं।

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