Sonia Doohan: अब शरद पवार के संकट मोचक ने पार्टी को किया बाय-बाय, जानिए कौन हैं सोनिया दुहन

Sonia Doohan उन नेताओं में से एक हैं, जिन्हें शरद पवार का करीब माना जाता रहा है। 2019 में अजीत पावर की तरफ से बंधन बनाए गए चार विधायकों को छुड़ाने में उन्होने बड़ी भूमिका निभाई थी। इसकी चर्चा अखबारों और टीवी चैनलों की खबरों में खूब हुई थी

अपडेटेड May 30, 2024 पर 1:09 PM
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4 जून को लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद सोनिया दुहन यह तय करेंगी की वह अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी का हिस्सा बनेंगी या नहीं।

विपक्ष के सबसे बड़े नेताओं में से एक शरद पवार की मुश्किल खत्म होने का नाम ले रही है। 10 महीने पहले उनके भतीजे अजीत पवार ने विद्रोह कर नई पार्टी बना ली थी। उनकी पार्टी को चुनाव आयोग ने असली एनसीपी घोषित कर दिया था। तब से शरद पवार के करीबी माने जाने वाले कई नेता उनका साथ छोड़ अजीत पवार का दामन थाम चुके हैं। इस कड़ी में नया नाम धीरज शर्मा का है। वह एनसीपी (एसपी) युवा के राष्ट्रीय प्रेसिडेंट थे। दूसरी युवा नेता सोनिया दुहन के भी शरद पवार का साथ छोड़ने की खबर आ रही है।

NCP की संकटमोचक रही हैं दुहन

दुहन (Sonia Doohan) को इस हफ्ते की शुरुआत में अजीत पवार (Ajit Pawar) की तरफ से मुंबई में बुलाई एक मीटिंग में देखा गया। अगले दिन उन्होंने मीडिया से बातचीत में नेताओं के शरद पवार (Sharad Pawar) का साथ छोड़ने के लिए सुप्रिया सुले (Supriya Sule) को जिम्मेदार बाताया। सुले शरद पवार की बेटी हैं और पार्टी की वर्किंग प्रेसिडेंट हैं। पार्टी से उनकी नाराजगी ने राजनीतिक के कई जानकारों को हैरान किया है। इसकी वजह यह है कि एक समय उन्होंने पार्टी को एकजुट रखने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।


दुहन की साहस की कहानी मीडिया की सुर्खियां बनी थीं

अजीत पवार ने 23 नवंबर, 2019 को डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेकर सबको हैरत में डाल दिया था। तब देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस दौरान एनसीपी के कुल 54 विधायकों में से 12 मौजूद थे। चार घंटे बाद शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी छोड़ने वाले विधायकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की धमकी दी थी। उनकी इस धमकी का असर दिखा। ज्यादातर विधायक पार्टी में लौट आए थे। तब शरद पावर ने उन चार विधायकों को पार्टी में लौटने के लिए मनाने की जिम्मेदारी सोनिया दुहन को दी थी, जो अब भी अजीत पवार के साथ थे। चारों ने दावा किया था कि उन्हें अजीत पवार ने बंधक बना लिया है।

बंधक विधायकों को होटल से बाहर निकाला था

दुहन ने साहस दिखाते हुए उस होटल में रूम बुक कराया था, जिसमें चारों विधायक ठहरे थे। दुहन ने गार्ड की ड्यूटी बदलने पर मौका देखकर तीन बंधक विधायकों को पिछले दरवाजे से बाहर निकाल लिया था। चौथा विधायक तक पकड़ा गया था, जब वह फ्रंट गेट से निकलने की कोशिश कर रहा था। दुहन तीनों विधायकों को लेकर पहले दिल्ली में शरद पवार के आवास पर ले गईं। अगले दिन सुबह उन्हें मुंबई ले जाया गया। तीनों विधायकों के मुंबई पहुंचने खबर मीडिया में आते ही चौथे विधायक को भी छोड़ दिया गया था।

शरद पवार ने दिया था इनाम

सोनिया दुहन की साहस और प्लानिंग की तारीख शरद पवार ने की थी। साहस की उनकी यह कहानी अखबारों और टीवी चैनलों की खबरों का हिस्सा बनी थी। उन्हें संकटमोचक तक बताया गया। कुछ लोगों ने उन्हें एनसीपी का जेम्स बॉन्ड तक कहा। इसका इनाम उन्हें शरद पवार ने दिल्ली में पार्टी के सेंट्रल ऑफिस का इनचार्ज बनाकर दिया था।

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अगले कदम के बारे में 4 जून को लेंगी फैसला

जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने के बाद गोवा में शिवसेना के कई विधायकों को रखा था तब भी दुहन अपनी पहचान बदलकर उस होटल में पहुंच गई थी, जहां विधायकों को रखा गया था। लेकिन, उनकी यह कोशिश कामयाब नहीं हुई थी। उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। बताया जाता है कि 4 जून को लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद सोनिया दुहन यह तय करेंगी की वह अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी का हिस्सा बनेंगी या नहीं।

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