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Dinesh Pratap Singh: कौन हैं दिनेश प्रताप सिंह, जिन्हें BJP ने रायबरेली से बनाया उम्मीदवार, सोनिया गांधी को दे चुके हैं टक्कर

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्‍यनाथ के मंत्रिमंडल में बतौर राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) शामिल दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस से 2010 में पहली बार और 2016 में दूसरी बार विधान परिषद सदस्‍य (MLC) चुने गए थे। हालांकि 2018 में उन्‍होंने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया

अपडेटेड May 02, 2024 पर 5:30 PM
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UP Lok Sabha Elections 2024: दिनेश प्रताप सिंह ने 2019 में कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था

UP Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दो उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से दिनेश प्रताप सिंह और कैसरगंज से करण भूषण सिंह को उम्मीदवार बनाया है। योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने 2019 में कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।

सोनिया गांधी को दी थी कड़ी टक्कर

हालांकि दिनेश प्रताप सिंह वह चुनाव हार गए, लेकिन हार का अंतर काफी कम था। 2019 के लोकसभा चुनावों में सोनिया गांधी ने 534,918 वोट और 55.80 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किए, जबकि दिनेश प्रताप सिंह ने 38.36 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 367,740 वोट हासिल किए।


पार्टी के गढ़ में चुनाव लड़ते हुए सोनिया गांधी बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ 1,67,178 वोटों के अंतर से जीत हासिल करने में कामयाब रहीं।

2018 में बीजेपी में हुए थे शामिल

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्‍यनाथ के मंत्रिमंडल में बतौर राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) शामिल दिनेश प्रताप सिंह (Dinesh Pratap Singh) कांग्रेस से 2010 में पहली बार और 2016 में दूसरी बार विधान परिषद सदस्‍य (MLC) चुने गए थे। हालांकि 2018 में उन्‍होंने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया।

साल 2022 में दिनेश बीजेपी के टिकट पर रिकॉर्ड मतों से जीतकर तीसरी बार MLC चुने गए थे। पिछले करीब एक दशक से उनका परिवार रायबरेली की राजनीति के केंद्र में है। उनके अलावा उनके भाई और परिवार के अन्‍य सदस्‍य विधायक, ब्‍लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्‍यक्ष जैसे पदों पर सेवा दे चुके हैं।

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टिकट मिलने के बाद आया पहला बयान

बीजेपी की ओर से रायबरेली से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद दिनेश प्रताप सिंह ने कहा, ''...मैं देश को आश्वस्त करता हूं कि रायबरेली से 'नकली' गांधी परिवार की विदाई तय है। यह तय है कि बीजेपी का 'कमल' खिलेगा और कांग्रेस हारेगी।' उन्होंने कहा कि मैंने चार बार की सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा है। इसलिए प्रियंका गांधी, राहुल गांधी मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं। दिनेश प्रताप सिंह ने कहा, ''जो भी गांधी रायबरेली आएंगे, वे हारेंगे।''

कांग्रेस कब करेगी ऐलान?

जहां बीजेपी ने अब यूपी में अमेठी और रायबरेली समेत दो प्रमुख सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। वहीं कांग्रेस ने अभी तक इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इसे लेकर संशय बरकरार है। इन सीटों पर नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया समाप्त होने में केवल दो दिन बचे हैं।

अमेठी और रायबरेली गांधी-नेहरू परिवार के पारंपरिक क्षेत्र माने जाते हैं क्योंकि इस परिवार के सदस्यों ने कई दशकों तक इन सीट का प्रतिनिधित्व किया है। सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने की संभावना है, लेकिन इस संबंध में गांधी परिवार द्वारा अंतिम फैसला लिया जाना अभी बाकी है।

सूत्रों ने बताया कि प्रियंका गांधी भी रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ वंशवाद की राजनीति का मुद्दा उठाने के मद्देनजर राहुल गांधी इस विचार के पक्ष में नहीं हैं। सूत्रों ने बताया कि राहुल नहीं चाहते कि गांधी परिवार के तीनों सदस्य सांसद बनें।

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