UP Loksabha Election 2024: 'मोदी मैजिक' को भुनाने में लगी BJP, क्या कुछ कमाल कर पाएंगे 'UP के लड़के'?
UP Loksabha Election 2024: बीजेपी की लिस्ट में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा प्रमुख उम्मीदवारों में लखनऊ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अमेठी से स्मृति ईरानी, मथुरा से हेमा मालिनी और खीरी से अजय मिश्र 'टेनी' शामिल हैं
UP Loksabha Election 2024: 'मोदी मैजिक' को भुनाने में लगी BJP, क्या कुछ कमाल कर पाएंगे 'UP के लड़के'
UP Loksabha Election 2024: केंद्र की सत्ता पर काबिज होने का रास्ता उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से होकर गुजरता है, इसलिए देश के सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले इस राज्य में सभी राजनीतिक दल जीत हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में जुट गए हैं। एक तरफ जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के करिश्मे और अलग-अलग विकास परियोजनाओं के सहारे सभी सीटों पर जीत का दावा कर रही है ,वहीं विपक्षी गठबंधन 'I.N.D.I.A.' को भी राज्य में सम्मानजनक लड़ाई लड़ने की उम्मीद है।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (SP) और कांग्रेस के साथ-साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) 'I.N.D.I.A.' गठबंधन के तहत चुनाव मैदान में है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के सभी सात चरणों के तहत मतदान होगा, जो 19 अप्रैल से शुरू होकर एक जून को खत्म होगा।
कैसे थे यूपी लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे?
2019 के आम चुनाव में राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से BJP ने 62 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दल अपना दल (सोनेलाल) दो सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहा था।
वहीं कांग्रेस एकमात्र रायबरेली सीट पर जीत हासिल करने में सफल हुई थी, जबकि बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने 10, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (SP) ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। राष्ट्रीय लोक दल (RLD) 2019 आम चुनाव में खाता भी नहीं खोल सकी थी।
मोदी लहर और हिंदुत्व को भनाने में जुटी BJP
लोकसभा चुनाव 2024 में BJP वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को राज्य से ज्यादा उम्मीदें हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार भी वाराणसी से चुनाव मैदान में हैं, जहां काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र का पुनर्निर्माण समेत कई विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
BJP सूबे में मोदी की लोकप्रियता और हिंदुत्व के मुद्दे को भुनाने की तैयारी में है, साथ ही राज्य के छोटे दलों के समर्थन से भी पार्टी को मजबूती मिल रही है।
ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) की NDA में वापसी से BJP को पूर्वांचल क्षेत्र में मजबूती मिली है।
राजभर को हाल ही में योगी आदित्यनाथ नेतृत्व की सरकार में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इसी तरह, RLD के नेता जयंत चौधरी के समाजवादी पार्टी को छोड़कर BJP के साथ गठबंधन करने के कदम से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में NDA का काम आसान होने की उम्मीद है, जहां जाटों और कृषक समुदाय का वर्चस्व है।
जयंत चौधरी के दादा और किसान नेता पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न की हालिया घोषणा ने स्पष्ट रूप से इस समीकरण को और मजबूती प्रदान की है।
अपनी खोई जमीन तलाशने में जुटा विपक्ष
वहीं विपक्षी गठबंधन 'I.N.D.I.A.' भी राज्य में अपनी खोई जमीन तलाशने में जुटा है। सपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बाद आखिरकार दोनों दलों के बीच सीट-बंटवारे पर समझौता हो गया, जिससे 'UP के लड़कों' की पुरानी यादें ताजा हो गईं।
राज्य में 2017 विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच गठबंधन के बाद 'UP के दो लड़कों' की यह जोड़ी प्रसिद्ध हुई थी। हालांकि, चुनाव परिणामों में गठबंधन को मुंह की खानी पड़ी थी।
उत्तर प्रदेश में हालिया राज्यसभा चुनावों से संकेत मिला कि सपा के भीतर अभी भी सब कुछ ठीक नहीं है। सपा के आठ से ज्यादा विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में BJP के लिए 'क्रॉस वोटिंग' की थी, जिनमें पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय भी शामिल थे।
सपा दलबदल नेताओं को BJP का टिकट
कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पांडेय को अब रायबरेली से बीजेपी का टिकट मिल सकता है, जो लंबे समय से कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का गढ़ रहा है। सोनिया के चुनाव न लड़ने के बाद कांग्रेस खेमा चाहता है कि प्रियंका गांधी वाद्रा रायबरेली से चुनाव लड़ें।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एक नया नारा 'पीडीए' दिया है, जिसका मतलब पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन तीनों वर्गों के बड़ी संख्या में मतदाता हैं।
मायावती न इधर न उधर
वहीं मायावती ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी किसी भी दल के साथ सीट बंटवारे पर समझौता नहीं करेंगी।
BJP ने पिछले कुछ महीनों में खासतौर से 'पिछड़े' पसमांदा मुसलमानों को लक्षित करते हुए अल्पसंख्यकों तक पहुंच बनाने के प्रयास किए हैं। मोदी सरकार में तीन तलाक उन्मूलन को भी मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के प्रयास के रूप में पेश किया गया है।
हालांकि, अब तक BJP की तरफ से घोषित 51 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में किसी मुस्लिम उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की गयी है।
बीजेपी की लिस्ट में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा प्रमुख उम्मीदवारों में लखनऊ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अमेठी से स्मृति ईरानी, मथुरा से हेमा मालिनी और खीरी से अजय मिश्र 'टेनी' शामिल हैं।
वहीं कांग्रेस ने अभी तक अपने हिस्से की 17 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) एक लोकसभा सीट पर चुनाव मैदान में है। वहीं सपा 43 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार चुकी है।