Pilibhit Loksabha: पीलीभीत की चुनावी लड़ाई में इस बार वरुण गांधी (Varun Gandhi) मौजूद नहीं है, लेकिन इससे इलाके में उनका असर कम नहीं हुआ है। पक्ष और विपक्ष दोनों के चुनाव प्रचार में उनकी छाप साफ देखी जा सकती है। बीजेपी उम्मीदवार जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) सीधे तौर पर वरुण का नाम लेने से बच रहे हैं। वहीं विपक्षी उम्मीदवारों का जोर देकर कहना है कि जनता के मुद्दों को जोरशोर से उठाने के चलते बीजेपी (BJP) ने उनका टिकट काटा है। स्थानीय किसान मनिंदर सिंह का कहना है, "आप वरुण को चुनाव में नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। वह और उनकी माता मेनका गांधी यहां से 6 बार सांसद रहे हैं। इसलिए इलाके में उनका बड़ा प्रभाव है। वरुण की छवि एक ईमानदार नेता की है, जो जरूरत पड़ने पर लोगों के साथ खड़ रहते हैं।"