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बीजेपी के लिए आसान नहीं होगी पश्चिमी यूपी की डगर, पार्टी को लेकर कई समुदायों में नाराजगी

चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में माहौल बदल गया है। बीजेपी के अंदर असहमति बढ़ने के बावजूद यहां अब त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं। इस इलाके में राजनीतिक पार्टियां हर मुमकिन दांव आजमा रही हैं और इस बार के चुनावी नतीजे इस क्षेत्र में राजनीतिक विमर्श बदल सकते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 12, 2024 पर 3:03 PM
बीजेपी के लिए आसान नहीं होगी पश्चिमी यूपी की डगर, पार्टी को लेकर कई समुदायों में नाराजगी
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के चुनावों में जाति, धर्म और गठबंधन का बारीक खेल देखने को मिल रहा है।

चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में माहौल बदल गया है। बीजेपी के अंदर असहमति बढ़ने के बावजूद यहां अब त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं। इस इलाके में राजनीतिक पार्टियां हर मुमकिन दांव आजमा रही हैं और इस बार के चुनावी नतीजे इस क्षेत्र में राजनीतिक विमर्श बदल सकते हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों पर पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के चुनावों में जाति, धर्म और गठबंधन का बारीक खेल देखने को मिल रहा है। बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए गठबंधन, समाजवादी पार्टी की अगुवाई इंडिया गठबंधन और बहुजन समाज पार्टी-तीनों इकाइयां यहां जोरदार तरीके से चुनाव लड़ रही हैं। राजनीतिक विश्लेषक मनोज भद्रा ने बताया, '2014 के चुनावों से ऐसा देखने को मिल रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का जो ट्रेंड रहता है, वह राज्य के अन्य हिस्सों में भी वोटिंग पैटर्न को प्रभावित करता है।'

राजनीतिक शास्त्र के प्रोफेसर सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य तय किया है, जिससे चुनावी गतिविधियां काफी दिलचस्प हो गई है। उन्होंने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा, 'ऐसे में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने भी आधार बचाने के लिए एंड़ी-चोटी का जोर लगाय दिया है, जिससे मुकाबला कड़ा हो गया है।'

चुनावी सरगर्मी तेज होने के साथ ही, अहम सीटों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान को मुजफ्फरनगर में अपने तीसरे कार्यकाल के लिए कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह, सहारनपुर में पूर्व सांसद राघव लखनपाल, कांग्रेस के इमरान मसूद और बीएसपी के माजिद अली के बीच कांटे का मुकाबला है। बिजनौर में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इस सीट से चौधरी के उम्मीदवार चंदन चौहान कड़े मुकाबले में फंसे हैं। कैराना में बीजेपी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के बीच कड़ा मुकाबला है।

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