Uttarkashi Cloudburst News: उत्तराखंड में बादल फटने से हुए भारी भूस्खलन के बाद मूल रूप से केरल निवासी 28 पर्यटकों का एक ग्रुप लापता हो गया है। परिवार के सदस्यों ने बुधवार (6 अगस्त) को यह जानकारी दी। ग्रुप में शामिल एक कपल के रिश्तेदार ने मीडियाकर्मियों को बताया कि इन 28 लोगों में से 20 केरल से हैं जो अब महाराष्ट्र में बस गए हैं। जबकि बाकी आठ लोग केरल के विभिन्न जिलों से गए हैं। उन्होंने बताया कि कपल के बेटे ने आखिरी बार उनसे एक दिन पहले बात की थी। उत्तराखंड के धराली में मंगलवार दोपहर बादल फटने के बाद आई आपदा में कम से कम चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
रिश्तेदार ने कहा, "उन्होंने बताया कि वे उस दिन सुबह करीब साढ़े आठ बजे उत्तरकाशी से गंगोत्री जाने वाले थे। उसी मार्ग में भूस्खलन हुआ था। उनके जाने के बाद से हम उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।" उन्होंने बताया कि हरिद्वार स्थित ट्रैवल एजेंसी ने 10 दिनों की उत्तराखंड यात्रा का आयोजन किया था। ट्रैवेल एजेंसी भी ग्रुप के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पा रही है।
उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, "हो सकता है कि उनके फोन की बैटरी तब तक खत्म हो गई हो। उस क्षेत्र में फिलहाल कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं है।" अधिकारियों ने बताया कि धराली का लगभग आधा हिस्सा भूस्खलन के कारण कीचड़, मलबे और बाढ़ के पानी में समा गया है। यह गांव गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री जाने वाले रूट का एक प्रमुख पड़ाव है। यहां कई होटल और होमस्टे हैं।
150 लोग सुरक्षित निकाले गए
उत्तरकाशी जिले के आपदाग्रस्त धराली गांव में मलबे से बचाव दलों ने बुधवार को एक शव बरामद कर लिया। जबकि भारी बारिश के बीच जारी राहत एवं तलाश अभियान में 150 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फोन पर उनसे बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली।
लापता लोगों में निकटवर्ती हर्षिल में प्रभावित हुए सेना के एक कैंप के 11 सैनिक भी शामिल हैं। जिला केंद्र ने बताया कि वर्तमान में गंगोत्री धाम में लगभग 400 यात्री हैं, जो सुरक्षित हैं। धराली, देहरादून से लगभग 140 किलोमीटर दूर है और आमतौर पर सड़क मार्ग से वहां पहुंचने में पांच घंटे लगते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने धामी से फोन पर बातचीत कर धराली में आई प्राकृतिक आपदा तथा वहां चल रहे बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी ली।
धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार पूरी तत्परता से बचाव एवं राहत कार्यों में जुटी हुई है। लेकिन लगातार भारी बारिश के कारण कुछ कठिनाइयां आ रही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय के साथ काम कर रही हैं ताकि पीड़ितों को तुरंत सहायता मिल सके। मुख्यमंत्री ने हेलीकॉप्टर से बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का सर्वेक्षण किया। उसके बाद उन्होंने उत्तरकाशी आपदा नियंत्रण कक्ष से राहत एवं बचाव कार्यों की गहन समीक्षा की।
धामी ने प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और सेना के प्रतिनिधियों से भी स्थिति की जानकारी ली और उन्हें राहत कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। प्रदेश के गृह सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि आईटीबीपी, बीआरओ और एसडीआरएफ के 100 से ज़्यादा जवान घटनास्थल पर बचाव अभियान में लगे हुए हैं तथा कई और कर्मी जल्द ही इसमें शामिल होने वाले हैं। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए भारतीय सेना ने MI-17 औैर चिनूक हेलीकॉप्टरों को तैयार रखा हुआ है जो मौसम साफ होते ही उड़ान भरेंगे।