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क्या PM मोदी वाराणसी में 'अबकी बार 10 लाख पार' करेंगे? मतदान से पहले पढ़ें काशी की ग्राउंड रिपोर्ट

Varanasi Lok Sabha Chunav 2024: बीजेपी ने 'अबकी बार 10 लाख पार' का टारगेट वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के लिए सेट किया है। लोकसभा चुनाव के चार चरणों में उत्तर प्रदेश की 39 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। ऐसे में पूरे देश की निगाहें अब यूपी की सबसे हॉट सीट वाराणसी पर टिकी है

अपडेटेड May 29, 2024 पर 2:25 PM
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Varanasi UP Lok Sabha Elections 2024: पूरे देश की निगाहें अब यूपी की सबसे हॉट सीट वाराणसी पर टिकी है

Varanasi UP Lok Sabha Elections 2024: क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार 10 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज कर पाएंगे? अंतिम और सातवें चरण के चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय चुनावी मैदान में हैं। वह पूरी ताकत से मैदान में जुटे हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में पीएम मोदी पहली बार काशी से सांसद बने थे। इस बार वह एक बार फिर बनारस से चुनाव लड़ रहे हैं और जीत की हैट्रिक लगाने का दावा कर रहे हैं। कहा जाता है कि पीएम मोदी के यहां से सांसद बनने के बाद शहर का कायाकल्प हो गया है। हमारे सहयोगी News18 ने इस बात की पड़ताल की है कि इस हाईप्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 'अबकी बार 10 लाख पार' नारे के बारे में क्या सोचते हैं।

दरअसल, बीजेपी इस बार वाराणसी सीट पर प्रधानमंत्री मोदी की रिकॉर्ड जीत सुनिश्चित करने के लिए 'अबकी बार 10 लाख पार' का नारा दे रही है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि इस टारगेट के लिए पार्टी के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर अभियान भी शुरू कर दिया है। बीजेपी के वाराणासी नगर प्रमुख विद्यासागर राय ने एक मीडिया संस्थान से बातचीत में कहा कि हमारा टारगेट इस बार पीएम मोदी को सबसे ज्यादा वोट प्राप्त करने वाला संसद सदस्य बनाना है। मारे कार्यकर्ताओं का नारा है, 'अबकी बार 10 लाख पार..।'

बता दें कि लोकसभा चुनाव के चार चरणों में उत्तर प्रदेश की 39 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। ऐसे में पूरे देश की निगाहें अब यूपी की सबसे हॉट सीट वाराणसी पर टिकी है। यहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। पीएम मोदी दो बार से वाराणसी से लोकसभा सांसद हैं। 2019 के चुनावों में पीएम मोदी ने 6,74,664 वोटों के साथ ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।


पढ़ें- काशी की ग्राउंड रिपोर्ट

बनारस के लोगों ने बताया कि 2014 के बाद से काशी में तेजी से विकास हुआ है। सड़कों का चौड़ीकरण हुआ है, काशी कॉरिडोर का निर्माण हुआ है। पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिला है। घाटों पर पहले गंदगी का अंबार लग रहता था, लेकिन अब नियमित सफाई हो रही है।

वाराणसी के चौका घाट इलाके के रहने वाले सुधाकर मिश्रा ने हमारे सहयोगी न्यूज से बातचीत में कहा, "अबकी बार 10 लाख पार...। अब समय आ गया है कि हम इसका बदला चुकाएं और काशी वोटों से यह करेगी। मुझे यकीन है कि वह 10 लाख वोटों के जीत के अंतर को छू पाएंगे।" मिश्रा एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं। सुधाकर ने कहा कि उन्होंने अपने जीवनकाल में काशी में ऐसा परिवर्तन नहीं देखा है। उन्होंने कहा, "केवल काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ही नहीं, बल्कि घाटों, जेटी टूर, क्रूज पर्यटन का कायाकल्प उनके नेतृत्व में किया गया है।" मिश्रा ने आगे कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि लोग इन सब बातों पर विचार करेंगे और उन्हें फिर से सत्ता में लाएंगे।"

इसके अलावा निजी क्षेत्र में काम करने वाले एक अन्य स्थानीय निवासी अमित मौर्य ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों के अलावा पीएम ने काशी को कनेक्टिविटी दी है। उन्होंने कहा, "उन्होंने वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों को बेड़े में शामिल किया है। रेलवे स्टेशन का कायाकल्प सोने पर सुहागा है।" अस्सी घाट क्षेत्र के स्थानीय निवासी सुधीर पांडे ने कहा कि भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्थापना ने लोगों को परिवहन का एक और साधन दिया है।"

पांडे ने कहा, "आने वाले दिनों में किसान जलमार्ग का विकल्प चुन सकते हैं, जो उनकी उपज को बाजारों तक पहुंचाने का सबसे तेज तरीका है।" इसके अलावा, लोग पुलों के निर्माण और शहर की सड़कों के चौड़ीकरण से भी खुश दिखे। उन्होंने कहा कि इससे ट्रैफिक जाम कम हुआ है। स्थानीय मुद्दे पर निजी कॉलेज के प्रोफेसर पंकज सिन्हा ने कहा, "वास्तव में पीएम मोदी ने सबसे बड़े मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन स्थानीय मुद्दों पर और ध्यान देने की जरूरत है।"

कुछ लोग महंगाई से नाखुश थे। वाराणसी के अशोक नगर कॉलोनी की रहने वाली गृहिणी पूनम पांडे ने कहा, "रसोई गैस सिलेंडर, खाद्य पदार्थ, खाना पकाने के तेल और यहां तक कि सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं।" पेपर लीक को लेकर युवा नाराज थे। अर्दली बाजार के कॉलेज जाने वाले वैभव गुप्ता ने कहा, "पेपर लीक पर रोक लगनी चाहिए, जो युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं।"

न्यूज़ 18 ने तीन लाख की आबादी वाले बुनकर समुदाय से भी बात की, जिसे अक्सर निर्णायक कारक कहा जाता है। काशी के मदनपुरा इलाके से आने वाले मोहम्मद अब्दुल ने कहा, "पीएम मोदी ने काशी को पर्यटन मानचित्र पर ला खड़ा किया है। पर्यटन क्षेत्र में उछाल आया है और पर्यटकों की संख्या में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है। औसतन, काशी की यात्रा के दौरान हर दूसरा व्यक्ति बनारसी साड़ी खरीदता है। मुझे यकीन है कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या काशी के बुनकरों को एक बड़ा बढ़ावा देगी।"

हालांकि, अब्दुल के विपरीत मदनपुरा के अन्य बुनकरों ने कहा कि अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। मदनपुरा के एक अन्य बुनकर मोहम्मद आमिर ने कहा, "काशी के बुनकरों के साथ सब कुछ ठीक नहीं है, क्योंकि उनमें से अधिकांश, खासकर छोटे बुनकर, रोजी-रोटी कमाते हैं। उनके लिए कोई काम नहीं है, वे सभी अभी भी बेकार बैठे हैं और बिजली का बिल भी उनकी मदद नहीं करता है।"

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आमिर ने कहा कि हालांकि पीएम ने बुनकरों के लिए कई सरकारी योजनाएं और सुविधाएं शुरू की हैं। लेकिन अज्ञानता और शासन की लापरवाही की वजह से वे अभी तक उन तक नहीं पहुंच पाई हैं। उन्होंने कहा कि कई बुनकर अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए पान की दुकान या पंचर मरम्मत की दुकान खोलने को मजबूर हैं।

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