Lok Sabha Elections 2024: हैदराबाद लोकसभा सीट पर 40 वर्षों से काबिज असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM chief Asaduddin Owaisi) की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उम्मीदवार 49 वर्षीय माधवी लता (Madhavi Latha) से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है। कारोबारी एवं समाजसेवी माधवी लता मुस्लिम-बहुल पुराने शहर में लंबे समय से सक्रिय हैं। बीजेपी ने शहर स्थित विरिंची हॉस्पिटल्स की चेयरपर्सन कोम्पेला माधवी लता को आगामी चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। चुनाव में ओवैसी को बीजेपी से जोरदार चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
बीजेपी नेता AIMIM से इस बार यह सीट छीनने को लेकर आश्वस्त हैं। 1984 से यह सीट AIMIM के पास रही है। पहले सलाहुद्दीन औवेसी और फिर उनके बेटे असदुद्दीन औवेसी यहां चुनाव जीतते आ रहे हैं। चार बार के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने 2019 में बीजेपी के भगवंत राव को 2.5 लाख से अधिक वोटों से हराया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माधवी लता की जमकर तारीफ की है। पीएम मोदी ने उन्हें असाधारण बताते हुए अपने X हैंडल पर लिखा, "माधवी लता जी, आपका 'आप की अदालत' एपिसोड असाधारण है। आपने बहुत ठोस मुद्दे उठाए हैं और तर्क और जुनून के साथ ऐसा किया है। आपको मेरी शुभकामनाएं।"
डेढ़ लाख से ओवैसी को हराने का दिया दावा
बीजेपी उम्मीदवार माधवी लता ने इंडिया टीवी के शो 'आप की अदालत' में दावा किया था कि इस चुनाव में औवैसी 1,50,000 वोटों के मार्जिन से हारने वाले हैं। उन्होंने आगामी चुनावों में AIMIM प्रमुख की हार की भी भविष्यवाणी की और दावा किया कि औवेसी ने बेईमानी से चुनाव जीता है। उन्होंने दावा किया कि असदुद्दीन औवेसी इस बार 1,50,000 वोटों के अंतर से हारेंगे। उन्हें ओवैसी पर फर्जी वोट पाने का आरोप लगाते हुए कहा, "अगर हमारे पास फर्जी वोट होते तो हम 4,000 साल तक लगातार जीत सकते हैं। लेकिन क्या करूं! हमारे पास फर्जी वोट नहीं हैं। ओवैसी के पास 6,20,000 वोगस वोट हैं।"
एक पेशेवर भरतनाट्यम नृत्यांगना माधवी लता इसके पहले राजनीति में सक्रिय नहीं रही हैं। लेकिन कई कारकों के कारण बीजेपी ने उन्हें ओवैसी से मुकाबला करने के लिए उनके गढ़ में अपना उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने हैदराबाद में कभी भी किसी महिला को मैदान में नहीं उतारा है। माधवी लता के बारे में कहा जाता है कि वह पुराने शहर के कुछ हिस्सों में परोपकारी गतिविधियों में सक्रिय हैं। पार्टी उनके कार्यों के जरिए मुस्लिम वोटों का फायदा उठाना चाह रही है। अपने हिंदुत्व समर्थक भाषणों के लिए मशहूर माधवी लता ने तीन तलाक के खिलाफ भी अभियान चलाया था।
कहा जाता है कि वह विभिन्न मुस्लिम महिला समूहों के संपर्क में हैं। लता लाथम्मा फाउंडेशन और लोपामुद्रा चैरिटेबल ट्रस्ट की ट्रस्टी हैं और निराश्रित मुस्लिम महिलाओं की आर्थिक मदद भी करती रहती हैं। वह एक गौशाला भी चलाती हैं। बीजेपी से टिकट की आकांक्षी रहीं लता ने पहले ही पुराने शहर के कुछ हिस्सों में महिलाओं से मिलना शुरू कर दिया था। पिछले महीने उन्होंने बुर्का पहनी महिलाओं के बीच राशन बांटते हुए अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की थीं। कार्यक्रम का आयोजन लैथमा फाउंडेशन के तत्वावधान में किया गया था।
माधवी लता अपनी संस्था के जरिए, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और भोजन वितरण कार्यक्रम आयोजित करती हैं। अपने मोबाइल नंबर पर मिस्ड कॉल से जरूरतमंदों को मदद भी करती हैं। बीजेपी द्वारा उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित करने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल में 'मिशन हैदराबाद पार्लियामेंट' जोड़ दिया है। AIMIM की कटु आलोचक, लता कहती हैं कि इस पार्टी ने कभी भी निर्वाचन क्षेत्र में गरीबी और खराब नागरिक सुविधाओं के सुधार का प्रयास नहीं किया।
कोटि महिला कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएट लता उस सफलता की तलाश में हैं, जहां अतीत में वेंकैया नायडू जैसे बीजेपी के दिग्गज असफल रहे थे। वह हैदराबाद के विरिंची अस्पताल (Virinchi Hospital) की चेयरमैन भी हैं, जिसकी स्थापना उनके पति विश्वनाथ ने की थी। वह एक धार्मिक वक्ता भी हैं और अक्सर हिंदू मुद्दों पर बोलती रहती हैं।
1984 से AIMIM का गढ़ है हैदराबाद
AIMIM ने 1984 के बाद से हर चुनाव में हैदराबाद पर अपनी पकड़ बरकरार रखी है। 2019 में बीजेपी के भगवंत राव के खिलाफ 2.82 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल करने वाले ओवैसी ने 2014 में अपने निकटतम प्रत्याशी को 2.02 लाख वोटों के अंतर से हराया था। असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी 6 बार हैदराबाद से चुने गए थे। 1996 में उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेता एम. वेंकैया नायडू को हराया था। 2004 में खराब स्वास्थ्य के कारण सलाहुद्दीन ओवैसी ने चुनाव नहीं लड़ा और तब से असदुद्दीन ओवैसी इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।