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Loksabha Election Result: ग्रामीण इलाकों में बीजेपी को क्यों हुआ सीटों का नुकसान?

बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए गठबंधन लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की तैयारी में है। हालांकि, इस बार उसे पिछले चुनाव के मुकाबले काफी कम सीटें मिली हैं। आंकड़ों के मुताबिक, एनडीए को हुए इस नुकसान की वजह ग्रामीण भारत, हिंदी पट्टी और अर्द्धशहरी सीटें हैं, जिन पर पिछले दो कार्यकाल में एनडीए की मजबूत पकड़ थी

अपडेटेड Jun 05, 2024 पर 6:51 PM
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ग्रामीण इलाकों के लोगों को बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, फसल की पैदावार में कमी आदि चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।

बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए गठबंधन लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की तैयारी में है। हालांकि, इस बार उसे पिछले चुनाव के मुकाबले काफी कम सीटें मिली हैं। आंकड़ों के मुताबिक, एनडीए को हुए इस नुकसान की वजह ग्रामीण भारत, हिंदी पट्टी और अर्द्धशहरी सीटें हैं, जिन पर पिछले दो कार्यकाल में एनडीए की मजबूत पकड़ थी। जाहिर तौर पर एनडीए के नुकसान से इंडिया (I.N.D.I.A) गठबंधन को फायदा हुआ है।

इस बार के लोकसभा चुनाव में एनडीए (NDA) को 2019 के मुकाबले 44 ग्रामीण सीटों का नुकसान हुआ, जबकि इंडिया ब्लॉक को 77 सीटें हासिल हुईं। हिंदीभाषी राज्यों में एनडीए (NDA) गठबंधन को 53 सीटों का नुकसान हुआ, जबकि इंडिया (I.N.D.I.A) गठबंधन को 61 सीटों का फायदा हुआ। इसी तरह, अर्द्धशहरी सीटों में एनडीए को 10 सीटें गंवानी पड़ीं, जबकि इंडिया गठबंधन को पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 23 सीटों की बढ़त मिली।

ग्रामीण भारत ने क्यों बीजेपी के खिलाफ दिया वोट?

पिछले कुछ वर्षों से ग्रामीण इलाकों के लोगों को नोटबंदी और कोविड संबंधी पाबंदियों के असर से जूझना पड़ा रहा है। इसके अलावा, उन्हें बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, फसल की पैदावार में कमी आदि चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी मुश्किलों की झलक कंजम्प्शन डेटा में भी देखने को मिल रही है। ग्रामीण इलाकों में FMCG कंपनियों की सेल्स में भी गिरावट है।


NielsenIQ (नील्सनआईक्यू) के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 के बाद पिछली 6 तिमाहियों से ग्रामीण खपत में गिरावट रही और 2023 की पहली तिमाही में इसमें बढ़ोतरी देखने को मिली। इसकी मुख्य वजह खास तौर पर कोविड के बाद इनफ्लेशन में बढ़ोतरी है। इसका मतलब यह है कि ऊंची कीमतों की वजह से गांवों के उपभोक्ता अपने खर्च में कटौती कर रहे थे।

इसके अलावा, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में इनफ्लेशन शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा रहा है। इनफ्लेशन के अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी कम रहने और कर्ज बढ़ने से भी परिस्थितियां जटिल हुईं। ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी भी चिंता का विषय रही है, जिससे लोग रोजगार के लिए शहरों में पलायन कर रहे हैं।

एनडीए लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता संभालने को तैयार है और ऐसे में भारत की ग्रामीण जनता का संदेश यही है कि वे अब ऐसी सरकार चाहते हैं जो रोजगार पैदा करे, महंगाई को काबू में रखे, उपभोक्ताओं की मांग में बढ़ोतरी करे, किसानों के कल्याण के लिए काम करे।

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