
अदाणी ग्रुप ने कर्ज के बोझ से दबी जयप्रकाश एसोसिएट्स के अधिग्रहण के लिए बैंकों की मंजूरी हासिल कर ली है। बैंकों के करीब 90 फीसदी वोट रिजॉल्यूशन प्लान के पक्ष में पड़े। इस मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी। इस प्रोसेस का नेतृत्व नेशनल एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी (एनएआरसीएल) ने किया। एनएआरसीएल के पास कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) के वोटिंग शेयर में करीब 86 फीसदी हिस्सेदारी है।
एसबीआई और ICICI Bank ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिए
रिजॉल्यूशन प्लान पर वोटिंग में State Bank of India और ICICI Bank ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिए। सूत्रों ने बताया कि दोनों की CoC के वोट्स में 3 फीसदी से कम हिस्सेदारी है। बैंकों ने अदाणी ग्रुप की बोली को इसलिए मंजूरी दी, क्योंकि इस ग्रुप ने दूसरों के मुकाबले काफी ज्यादा अपफ्रेंट पेमेंट ऑफर किया है। अदाणी ग्रुप ने 13,500 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। इसमें 6,005 का अपफ्रंट पेमेंट शामिल है। बाकी 6,726 करोड़ का पेमेंट दो साल बाद होगा। नेट प्रजेंट वैल्यू के लिहाज से इस ऑफर के 12,000 करोड़ रुपये के होने का अनुमान है।
वेदांता ग्रुप ने किया था 16000 करोड़ रुपये का ऑफर
वेदांता ग्रुप ने पहले स्विस चैलेंज प्रोसेस के तहत Jaiprakash Associates के लिए करीब 16,000 करोड़ रुपये का ऑफर किया था। इसमें 3,770 करोड़ रुपये का अपफ्रंट पेमेंट शामिल था। बाकी 13,000 करोड़ रुपये का पेमेंट पांच सालों के दौरान करना था। वेदांता ने बाद में पेमेंट की अपनी शर्तों में बदलाव करने की कोशिश की थी। उसने अपफ्रंट पेमेंट बढ़ाने की बात कही थी। लेकिन अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल्स में इसे एक्सेप्ट नहीं किया था, क्योंकि स्विस चैंलेज राउंड पहले ही खत्म हो चुका था।
बैंक अब अदाणी ग्रुप को एक LoI इश्यू करेंगे
CoC के एप्रूवल के बाद बैंक अदाणी ग्रुप को एक लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) इश्यू करेंगे। रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल उसके बाद प्लान के एप्रूवल के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) जाएंगे। अभी इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत जयप्रकाश एसोसिएट्स के सामने 57,185 करोड़ रुपये के क्लेम्स हैं।
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