इजराइल और हमास के बीच के युद्ध ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है और स्टॉक मार्केट को भी तगड़ा झटका दिया है। फाइनेंशियल सर्विसेज मुहैया कराने वाली नोमुरा (Nomura) के एनालिस्ट्स चेतन सेठ और अंकित यादव का मानना है कि घरेलू स्टॉक मार्केट के लिए मिडिल ईस्ट में गहराता जियोपॉलिटिकल संकट सबसे बड़ी चिंता है। हालांकि नोमुरा अभी भी भारत को लेकर काफी पॉजिटिव है। शॉर्ट टर्म की चुनौतियों के बावजूद अभी हाल ही में नोमुरा ने भारतीय शेयरों की रेटिंग को अपग्रेड कर 'ओवरवेट' कर दिया और सुझाव दिया है कि तेल की ऊंची कीमतों के चलते शेयरों में जो गिरावट आती है, उससे खरीदारी का मौका मिलेगा।
8 अक्टूबर को जारी अपनी रिपोर्ट में अगर आने वाले दिनों में तेल की कीमतें ऊपर चढ़ती हैं तो यह भारत और फिलीप्पींस जैसे तेल के अहम एशियाई खरीदारों पर निगेटिव असर डाल सकता है। भारत की तेल आयात पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। वित्त वर्ष 2021-22 में घरेलू खपत का 85.5 फीसदी हिस्से आयात हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2022-23 में 87.3 फीसदी की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
किस सेक्टर में लगाएं पैसे?
नोमुरा के मुताबिक अगर यह मान लिया जाए कि इजराइल और हमास के बीच की जंग व्यापक और लंबे समय तक नहीं बढ़ती है तो मजबूत स्ट्रक्चरल आउटलुक के साथ-साथ हॉन्गकॉन्ग और चीन के शेयरों को लेकर निवेशकों की चिंता को देखते हुए मौजूदा गिरावट भारतीय शेयरों के लिए खरीदारी का शानदार मौका है। सेक्टरवाइज बात करें तो नोमुरा का सुझाव है कि जब तक जियोपॉलिटिल टेंशन बना रहता है तो ऑयल और एनर्जी के साथ-साथ टेलीकॉम से जुड़े सेक्टर बाकी सेक्टर्स की तुलना में अच्छा परफॉरमेंस कर सकते हैं।
चीन को लेकर क्या है रुझान
भारत को लेकर नोमुरा का रुझान पॉजिटिव है तो इसकी एक वजह चीन और हॉन्ग कॉन्ग के शेयरों को लेकर निवेशकों का निगेटिव सेंटिमेंट भी है। । हालांकि इसका यह भी कहना है कि रुस और यूक्रेन के बीच की लड़ाई के दौरान ग्रेटर चीन के शेयरों को तगड़ा शॉक लगा था लेकिन इस बार कुछ कारणों से स्थिति थोड़ी अलग है।
इसकी पहली वजह ये है कि चीन और हॉन्ग कॉन्ग के शेयरों का सेंटिमेंट, वैल्यूएशन, फ्लो, पोजिशनिंग और इकॉनमी पहले से ही निचले स्तर के करीब हैं यानी इससे बहुत अधिक नीचे जाने की गुंजाइश नहीं है। वहीं दूसरी वजह ये है कि मि़डिल ईस्ट से जुड़े तनाव से चीन-ताईवान से जुड़े रिश्तों पर सीधे कोई असर नहीं दिखेगा। तीसरी वजह ये है कि गोल्डन वीक हॉलिडे के दौरान टूरिज्म में तेजी से चाइनीज शेयरों को सपोर्ट मिलेगा।
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