Get App

ओपेक प्लस देशों के उत्पादन में कटौती से एशियाई बाजार लड़खड़ाए, कमजोर US data से बढ़ी अनिश्चितता

आर्थिक आंकड़ों के मुताबिक मार्च में अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी लगभग तीन वर्षों में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई थी। नए ऑर्डर गिर जाने की वजह से ये गिरावट आई। विश्लेषकों का मानना है कि सख्त क्रेडिट स्थितियों के कारण एक्टिविटी में और गिरावट आ सकती है। ANZ विश्लेषकों ने कहा कि पिछले साल मई से एक कमजोर ट्रेंड देखने को मिला है

Edited By: Sunil Guptaअपडेटेड Apr 04, 2023 पर 9:10 AM
ओपेक प्लस देशों के उत्पादन में कटौती से एशियाई बाजार लड़खड़ाए, कमजोर US data से बढ़ी अनिश्चितता
जापान के Nikkei स्टॉक इंडेक्स में 0.24% की बढ़त देखने को मिली जबकि ऑस्ट्रेलियाई शेयर 0.1% ऊपर कारोबार करते हुए दिखाई दिये

ओपेक प्लस ग्रुप के तेल उत्पादन लक्ष्यों में आश्चर्यजनक कटौती और मुद्रास्फीति की चिंताओं के बीच मंगलवार को एशियाई शेयरों में गिरावट आई। जबकि कमजोर अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर डेटा के बाद ट्रेजरी यील्ड कम हो गई।। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (Organization of the Petroleum Exporting Countries (OPEC) और उसके सहयोगियों, जिन्हें ओपेक+ के नाम से जाना जाता है, इनके द्वारा रविवार को उत्पादन लक्ष्य में कटौती की घोषणा से तेल की कीमतों में इजाफा हुआ। मुद्रास्फीति के आउटलुक को भी जटिल बना दिया। रात भर में 6% से अधिक उछलने के बाद ब्रेंट क्रूड 0.5% बढ़कर 85.39 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

निवेशक सोमवार के आर्थिक आंकड़ों का भी आकलन कर रहे थे। जिसमें दिखाया गया था कि मार्च में अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी लगभग तीन वर्षों में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई थी। इसकी वजह ये रही कि नए ऑर्डर गिर गए थे। विश्लेषकों ने कहा कि सख्त क्रेडिट स्थितियों के कारण एक्टिविटी में और गिरावट आ सकती है।

ANZ विश्लेषकों ने एक नोट में कहा, "पिछले साल मई से एक कमजोर ट्रेंड देखने को मिला है। लेकिन हाल की बैंकिंग उथल-पुथल ने आत्मविश्वास को और कम कर दिया है।"

"मैन्युफैक्चरिंग अर्थव्यवस्था के सबसे अधिक रेट-सेंसिटिव सेक्टर्स में से एक है क्योंकि ऑटो जैसे सामान मुख्य रूप से क्रेडिट पर खरीदे जाते हैं।"

सब समाचार

+ और भी पढ़ें