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BPSL के अधिग्रहण को रद्द करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मतलब क्या है, अब JSW Steel के पास क्या रास्ता है?

जेएसडब्ल्यू स्टील ने 2019 में भूषण पावर का अधिग्रहण 19,350 करोड़ रुपये में किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिग्रहण को रद्द कर दिया है। साथ ही उसने कंपनी के लिक्विडेशन का भी आदेश दिया है। भूषण पावर को कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों ने रिजॉल्यूशन प्रोसेस को चैलेंज किया था

MoneyControl Newsअपडेटेड May 05, 2025 पर 3:10 PM
BPSL के अधिग्रहण को रद्द करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मतलब क्या है, अब JSW Steel के पास क्या रास्ता है?
सुप्रीम कोर्ट ने 2 मई को अपने फैसले में रिजॉल्यूशन प्रोसेस से जुड़ी खामियों और कानून के उल्लंघन के बारे में बताया।

भूषण पावर के अधिग्रहण मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का असर इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन के बड़े मामलों पर पड़ेगा। जेएसडब्ल्यू स्टील ने 2019 में भूषण पावर का अधिग्रहण 19,350 करोड़ रुपये में किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिग्रहण को रद्द कर दिया है। साथ ही उसने कंपनी के लिक्विडेशन का भी आदेश दिया है। भूषण पावर को कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों ने रिजॉल्यूशन प्रोसेस को चैलेंज किया था। उनकी दलील थी कि उनके दावों की अनदेखी की गई और रिजॉल्यूशन प्रोसेस में कई तरह की कमियां थीं। उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने रिजॉल्यूशन प्रोसेस में रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) और कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) की भूमिका पर विचार किया।

सुप्रीम कोर्ट को रिजॉल्यूशन प्रोसेस में कई कमियां मिलीं

सुप्रीम कोर्ट ने 2 मई को अपने फैसले में रिजॉल्यूशन प्रोसेस से जुड़ी खामियों और कानून के उल्लंघन के बारे में बताया। देश की सबसे बड़ी अदालत ने रिजॉल्यूशन प्रोसेस में लगे समय पर भी सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि JSW Steel के रिजॉल्यूशन प्लान को CoC ने 10 अक्टूबर, 2018 को मंजूरी दी। लेकिन, रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) को यह प्लान 14 फरवरी, 2019 को सौंपा। यह 270 दिन की कानूनी लिमिट से ज्यादा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस देरी की कोई सही वजह नहीं बताई गई। इस वजह से कानून के तहत यह प्रोसेस निरस्त हो जाता है।

JSW Steel की योग्यता की भी जांच नहीं की गई

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