मोतीलाल ओसवाल एएमसी (Motilal Oswal AMC) में रिसर्च विंग के प्रमुख संतोष कुमार सिंह (Santosh Kumar Singh) का मानना है कि अगर यूक्रेन-रूस युद्ध पूरे यूरोप में नहीं फैला तो अगले छह महीनों में बाजार उच्च स्तर पर पहुंच जाएगा। मनीकंट्रोल (Moneycontrol) के साथ बातचीत में डायनैमिक वित्तीय विश्लेषक ने कहा कि जब तक कमोडिटी की कीमतें बाजार को ज्यादा खराब नहीं करती हैं, तब तक बाजार फंडामेंटल स्तर पर काफी आकर्षक लगता है।
सिंह के साथ बातचीत के अंश:
मार्केट कैप-टू-जीडीपी अनुपात या तथाकथित बफेट इंडिकेटर, 2007 के बाद से 110 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है। क्या आपको लगता है कि हम अभी भी हाई वैल्यूएशन पर ट्रेडिंग कर रहे हैं?
सिंह ने कहा कि मार्केट कैप-टू-जीडीपी अनुपात (market cap-to-GDP ratio) को देखते हुए इस तथ्य को जानने की आवश्यकता है कि 2007 से उन क्षेत्रों में कई नई लिस्टिंग हुई हैं जो पहले वहां नहीं थीं। जब तक कमोडिटी की कीमतों में भारी गिरावट नहीं होती है, तब तक बाजार फंडामेंटल स्तर पर काफी आकर्षक दिखाई देता है।
मौजूदा बाजार को देखते हुए, क्या आपको लगता है कि हम बॉटमिंग प्रोसेस के करीब हैं?
संतोष कुमार ने कहा कि युद्ध की स्थिति को देखते हुए, बाजार बॉटम बताना बहुत मुश्किल हो सकता है। अगर यह युद्ध एक पूर्ण रूप से यूरोपीय युद्ध में नहीं बदलता, तो हम अगले छह महीनों में बाजार के और अधिक उच्च स्तर पर रहने की उम्मीद कर रहे हैं।
कमोडिटी की कीमतों में निकट अवधि में वृद्धि के दूसरे फैक्टर भी हो सकते हैं जो बाजारों को बेचैन कर सकते हैं। हालांकि इसमें से अधिकांश के एक वर्ष में सेटल हो जाने की उम्मीद है।
ज्यादातर सेक्टर और शेयर अपने उच्च स्तर से नीचे कारोबार कर रहे हैं। आप अपना पैसा कहाँ लगाना चाहते हैं?
फाइनेंशियल सर्विसेस, रियल एस्टेट और कुछ कैपिटल गुड्स सेक्टर कुछ स्टॉक हैं जो बहुत अच्छे फंडामेंटल और इकोनॉमिक टेलविंड होने के बावजूद इनमें सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है। इस हम इन सेक्टर के स्टॉक्स में कुछ पैसा लगाना चाहेंगे।
केवल ढाई महीने में तेल की कीमतों में 85 प्रतिशत की तेजी और अक्टूबर के बाद से FIIs द्वारा लगातार बिकवाली के बावजूद भारतीय बाजारों में अभी तक बड़ा करेक्शन क्यों नहीं दिख रहा है?
इसके जवाब में सिंह ने कहा कि इसमें DIIs प्रमुख योगदान दे रहे हैं। हमने इन अनिश्चित समय के दौरान DIIs को मजबूती से भारतीय बाजारों में बने हुए देखा है क्योंकि इंडिया स्टोरी बरकरार है। इस समय दिखाई दे रही वैश्विक घटनाएं अस्थायी डिस्लोकेशन का कारण बन रही हैं।
क्या यह ऑटो स्पेस पर ओवरबोर्ड जाने का समय है जो जनवरी के उच्च स्तर से 16 प्रतिशत कम हो गया है?
संतोष कुमार सिंह ने ऑटो स्पेस पर राय देते हुए कहा मेरे विचार में कोई चाहे तो पैसेंजर व्हीकल और कमर्शियल व्हीकल में खरीदारी शुरू कर सकता है।
(डिस्क्लेमरः Moneycontrol.com पर दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें। )