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चीन के स्टॉक मार्केट्स में बड़ी गिरावट, आखिर क्यों नहीं टिक पाई तेजी और आगे क्या हैं आसार?

चीन के स्टॉक मार्केट्स में तेजी टिक नहीं पाई। एक हफ्ते की छुट्टी के बाद मार्केट्स खुलने पर बड़ी गिरावट दिखी। हालांकि, इससे पहले चीन के मार्केट्स में आई तेजी का व्यापक असर देखने को मिला। खासकर इंडियन मार्केट्स पर इसका असर दिखा। चीन में निवेश के लिए विदेशी निवेशकों ने इंडियन मार्केट्स में बिकवाली शुरू कर दी थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 09, 2024 पर 3:19 PM
चीन के स्टॉक मार्केट्स में बड़ी गिरावट, आखिर क्यों नहीं टिक पाई तेजी और आगे क्या हैं आसार?
गोल्डन वीक हॉलीडे के बाद मार्केट ओपन होने पर हैंगसेंग 11 फीसदी से ज्यादा गिरा। हालांकि, यह थोड़ा संभलने के बाद 9.41 फीसदी गिरकर बंद हुआ। यही हाल शंघाई का रहा।

हाल में चीन और हांगकांग के स्टॉक मार्केट्स में तेजी देखने को मिली। इसकी वजह सरकार और पीपल्स बैंक ऑफ चीन की तरफ से इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने वाले कई उपाय थे। गोल्डन वीक हॉलीडे खत्म होने पर चीन के नेशनल डेवलपमेंट एंड रिफॉर्म कमीशन की प्रेस ब्रीफिंग हुई। इसके बाद स्टॉक मार्केट्स की तेजी पर ब्रेक लग गया। दरअसल, सितंबर के अंत चीन के केंद्रीय बैंक पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (पीपीओसी) ने कई बड़े ऐलान किए थे। इन्हें लिक्विडिटी और प्रॉपर्टी मार्केट के लिए बहुत अहम माना गया था। इससे चीन के कुछ शहरों में घर खरीदाना आसान हो गया।

सरकार की तरफ से बड़े पैकेज के ऐलान की थी उम्मीद

पिछले एक महीने से यह चर्चा थी कि चीन की सरकार बड़े वित्तीय पैकेज का ऐलान करेगी। इसके बाद कई ब्रोकरेज फर्मों ने यह अनुमान लगाया कि सरकार इकोनॉमी को सहारा देने के लिए कौन-कौन से उपाय कर सकती है। दरअसल, चीन की इकोनॉमी कोविड की महामारी के असर से उबरने की कोशिश कर रही है। साथ ही चीन में रियल एस्टेट सेक्टर मुश्किल दौर से गुजर रहा है। ऐसे में निवेशकों को यह उम्मीद थी कि सरकार की तरफ से इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने के लिए बड़े ऐलान हो सकते हैं। लेकिन, बड़े ऐलान नहीं होने का असर स्टॉक मार्केट्स पर पड़ा।

बड़े पैकेज की उम्मीद में 3 हफ्ते में 36 फीसदी चढ़े थे स्टॉक मार्केट्स

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