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ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी ने कहा, इस साल 10% ऊपर भाग सकता है निफ्टी सूचकांक

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी (Citi) निफ्टी के लिए इस साल का टारगेट 26,000 रखा है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि इस साल के अंत तक निफ्टी में मौजूदा स्तर से 10 पर्सेंट तक की बढ़ोतरी हो सकता है। सिटी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2026 में इनफ्लेशन घटकर 4.2 पर्सेंट पर पहुंच सकता है, जिससे रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दर में कटौती के लिए गुंजाइश बनेगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 08, 2025 पर 11:22 PM
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी ने कहा, इस साल 10% ऊपर भाग सकता है निफ्टी सूचकांक
अक्टूबर-नवंबर 2024 के दौरान FPIs की बिकवाली की वजह से निफ्टी 50 सूचकांक करेक्शन जोन में पहुंच गया था।

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी (Citi) ने निफ्टी के लिए इस साल का टारगेट 26,000 रखा है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि इस साल के अंत तक निफ्टी में मौजूदा स्तर से 10 पर्सेंट तक की बढ़ोतरी हो सकता है। सिटी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2026 में इनफ्लेशन घटकर 4.2 पर्सेंट पर पहुंच सकता है, जिससे रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दर में कटौती के लिए गुंजाइश बनेगी।

सिटी के स्ट्रैटेजिस्ट सुरेंद्र गोयल ने बताया, ‘भारत का EPS ग्रोथ आउटलुक मजबूत और कम जोखिम वाला है। यहां की लिस्टेड कंपनियों में डायवर्सिफिकेशन भी पर्याप्त है।’ हालांकि, सिटी को निजी निवेश के मोर्चे पर रिकवरी में किसी भी तरह की उम्मीद नहीं है। बहरहाल, बाजार में अक्टूबर-नवंबर 2024 के दौरान विदेशी निवेशकों की बिकवाली के वक्त भी सिटी भारत को लेकर पॉजिटिव बना रहा। सिटी ने अक्टूबर में कहा था, ‘ एक-दो साल में भारतीय बाजार की आउट-परफॉर्मेंस काफी अहम हो सकती है। हमारी राय में मजबूत मैक्रो/ग्रोथ आउटलुक और डोमेस्टिक इनफ्लो बेहतर बने रहने की वजह से भारतीय शेयरों में रफ्तार बना रहेगी।’

फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPIs) ने अक्टूबर-नवंबर के दौरान 1.15 लाख करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की थी और इस वजह से निफ्टी 50 सूचकांक करेक्शन जोन में पहुंच गया था। इस बिकवाली की कई वजहें थीं, मसलन हाई वैल्यूएशंस, कमजोर नतीजे, चीन के बाजार में बेहतरी आदि। हालांकि, इस दौरान घरेलू निवेश मजबूत बना रहा और इसने फॉरेन सेलिंग के मुकाबले संतुलन बनाने का काम किया।

डिस्क्लोजर: मनीकंट्रोल पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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