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कोचिन शिपयार्ड से 8 हार्बर टग खरीदेगी अदाणी पोर्ट्स, शेयर खरीदने की मची होड़, लगा 5% का अपर सर्किट

Cochin Shipyard Shares: कोचिन शिपयार्ड के शेयरों में आज 27 दिसंबर को 5 फीसदी का अपर सर्किट लगा है। यह तूफानी तेजी इस खबर के बाद आई कि उसे अदाणी पोर्ट्स (Adani Ports) से एक बड़ा ऑर्डर मिला है। अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन ने बताया कि उसने 8 बेहद आधुनिको हार्बर टग को खरीदने का फैसला किया है। इन सभी हार्बर टग को कोचिन शिपयार्ड बनाएगी

Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 27, 2024 पर 4:32 PM
कोचिन शिपयार्ड से 8 हार्बर टग खरीदेगी अदाणी पोर्ट्स, शेयर खरीदने की मची होड़, लगा 5% का अपर सर्किट
Cochin Shipyard Shares: अदाणी पोर्ट्स ने बताया कि इस कॉन्ट्रैक्ट की कुल वैल्यू करीब 450 करोड़ रुपये है

Cochin Shipyard Shares: कोचिन शिपयार्ड के शेयरों में आज 27 दिसंबर को 5 फीसदी का अपर सर्किट लगा है। यह तूफानी तेजी इस खबर के बाद आई कि उसे अदाणी पोर्ट्स (Adani Ports) से एक बड़ा ऑर्डर मिला है। अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन ने बताया कि उसने 8 बेहद आधुनिको हार्बर टग को खरीदने का फैसला किया है। इन सभी हार्बर टग को कोचिन शिपयार्ड बनाएगी। कंपनी ने एक बयान में कबा, "हमारा यह फैसला देश में ही मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और समुद्री क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाकर सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत योजनाओं को मुताबिक है।"

अदाणी पोर्ट्स ने बताया कि इस कॉन्ट्रैक्ट की कुल वैल्यू करीब 450 करोड़ रुपये है और इन टगों की डिलीवरी दिसंबर 2026 में शुरू होने और मई 2028 तक जारी रहने की उम्मीद है। कंपनी ने कहा कि इन टगों की डिलीवरी से भारतीय बंदरगाहों में जहाज संचालन की दक्षता और सुरक्षा में काफी सुधार होगा।

दोपहर 1:20 बजे के करीब, कोचीन शिपयार्ड के शेयर 5% की तेजी के साथ 1,539.05 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे। इस तेजी के साथ ही कंपनी का मार्केट कैप 40,489 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसके शेयर का 52-सप्ताह का सबसे निचला स्तर 611 रुपये और 52-सप्ताह का सबसे उच्चतम स्तर 2,979.45 रुपये है।

अदाणी पोर्ट्स के फुलटाइम डायरेक्टर और सीईओ अश्विनी गुप्ता ने बताया: "कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड से खरीद के लिए यह समझौता भारत में समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और हमारे देश के PSUs में हमारे भरोसे को दर्शाता है। हमारा लक्ष्य 'मेक इन इंडिया' पहल में योगदान देना है। साथ ही यह ही सुनिश्चित करना है कि हमारा काम सुरक्षा और दक्षता के अंतररराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हैं।"

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