इंश्योरेंस सेक्टर में 100% FDI पर कंसल्टेशन पेपर जारी, 10 दिसंबर तक सभी पक्षों से मांगी गई राय

कंसल्टेशन पेपर में पेड-अप कैपिटल घटाने के साथ ही कंपोजिट लाइसेंस देने का भी प्रस्ताव है। साथ इसमें इंश्योरेंस एक्ट 1938, LIC एक्ट 1956 और IRDAI एक्ट 1999 में संशोधन का प्रस्ताव भी है। अगर ये प्रस्ताव मंजूर हो जाते हैं तो बीमा सेक्टर में बड़े बदलाव हो सकते हैं

अपडेटेड Nov 29, 2024 पर 12:35 PM
Story continues below Advertisement
दूसरी खबरों की वजह से भी इंश्योरेंस शेयर फोकस में हैं। कल IRDAI की Bancassurance नियमों में बदलाव की एक खबर आई थी। इस आज सफाई आई है

इंश्योरेंस सेक्टर में 100 फीसदी FDI पर वित्त मंत्रालय ने कंसल्टेशन पेपर जारी किया है। इस पर 10 दिसंबर तक सभी पक्षों से राय मांगी गई। इसमें पेड-अप कैपिटल घटाने के साथ ही कंपोजिट लाइसेंस देने का भी प्रस्ताव है। साथ इसमें इंश्योरेंस एक्ट 1938, LIC एक्ट 1956 और IRDAI एक्ट 1999 में संशोधन का प्रस्ताव भी है। अगर ये प्रस्ताव मंजूर हो जाते हैं तो बीमा सेक्टर में बड़े बदलाव हो सकते हैं। इसके अलावा दूसरी खबरों की वजह से भी इंश्योरेंस शेयर फोकस में हैं।

कल IRDAI की Bancassurance नियमों में बदलाव की एक खबर आई थी। CNBC-TV18 ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने Bancassurance को लेकर चिंता जताई है। उसने कहा है कि बैंकों के जरिये जरिये बेचे जाने वाले इंश्योंरेस पर 50 फीसदी का कैप लगना चाहिए। CNBC-TV18 की EXCLSUIVE खबर के चलते कल बीमा शेयरों में 5 से 6 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली थी। बता दें कि इस मुद्दे पर वित्त मंत्रालय और IRDAI चेयरमैन पहले ही चिंता जाहिर कर चुके हैं। Bancassurance के जरिए मिस सेलिंग पर चिंता जाहिर की जा चुकी है।

आज इंश्योरेंस कंपनियों ने CNBC-TV18 की इस खबर पर सफाई जारी की है। HDFC लाइफ की सफाई में कहा गया है कि यह खबर अफवाहों और अटकलों पर आधारित है। SBI लाइफ और Max फाइनेंशियल की सफाई में कहा गया है कि IRDAI ने ऐसे किसी बदलाव की जानकारी नहीं दी है। उधर IRDAI का भी कहना है कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।


इंश्योरेंस कंपनियों पर मॉर्गन स्टेनली की राय

मॉर्गन स्टेनली ने आईसीआईसीआई प्रू (ICICI PRU) पर इक्वल वेट, एसबीआई लाइफ (SBI LIFE) पर ओवरवेट और एचडीएफसी लाइफ (HDFC LIFE) पर ओवरवेट कॉल दी है। आईसीआईसीआई प्रू के लिए इक्वल-वेट कॉल, एसबीआई लाइफ और एचडीएफसी लाइफ के मुकाबले बेहतर माना जा सकता है। एसबीआई लाइफ और एचडीएफसी लाइफ दोनों के लिए ओवरवेट कॉल निकट अवधि के लिए है।

Goldman Sachs के तगड़े डाउनग्रेड के बाद 8% फिसला क्रेडिट एक्सेस ग्रामीण, क्रेडिट क्वॉलिटी पर चिंता

ब्रोकरेज का कहना है कि बीमा कंपनियों से सर्वसम्मति से मिली प्रतिक्रिया से निवेशकों को कुछ राहत मिलनी चाहिए। निवेशकों को ‘बिना आग के धुआं नहीं’ वाली बात समझ में आई थी। निवेशकों को लगा कि बीमा कंपनियां सरेंडर वैल्यू रेग्युलेशनों के बारे में भी आशावादी हैं। वित्त मंत्री और IRDAI ने भी मिस सेलिंग के अनुपात में कमी के बावजूद मिस सेलिंग बनी रहने पर टिप्पणी की है। IRDAI से स्पष्टीकरण महत्वपूर्ण है। गैर-बैंक चैनलों की आक्रामकता में वृद्धि की उम्मीद है। बैंका मिक्स पर बिना लॉन्ग ग्लाइड पाथ के रेग्युलेटरी कैपिंग से भारतीय प्रीमियम ग्रोथ धीमी हो सकती है। रेग्युलेटर भारतीय प्रीमियम ग्रोथ में कमी नहीं चाहेगा।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

 

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।