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क्रेडिट स्विस संकट से IT सेक्टर पर रहेगा दबाव, 16800-18000 के बीच घूमता नजर आएगा NIfty:राकेश अरोड़ा

राकेश अरोड़ा का कहना है कि क्रेडिट सुइस संकट के चलते आगे भारत में विदेशी संस्थागत निवेश में सुस्ती देखने को मिलेगी। यही नहीं भारत सहित दूसरे तमाम उभरते बाजारों को जोखिम भरे बाजार के रूप में देखा जाएगा। अरोड़ा का मनना है कि निफ्टी आगे हमें 16800 और 18000 के बीच कंसोलीडेट होता नजर आ सकता है। जब तक ग्लोबल मैक्रो स्थियां स्पष्ट नहीं हो जाती तब तक निफ्टी हमें इसी दायरे में घूमता दिखेगा।

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 18, 2023 पर 3:03 PM
क्रेडिट स्विस संकट से IT सेक्टर पर रहेगा दबाव, 16800-18000 के बीच घूमता नजर आएगा NIfty:राकेश अरोड़ा
अरोड़ा का मनना है कि निफ्टी आगे हमें 16800 और 18000 के बीच कंसोलीडेट होता नजर आ सकता है। जब तक ग्लोबल मैक्रो स्थियां स्पष्ट नहीं हो जाती तब तक निफ्टी हमें इसी दायरे में घूमता दिखेगा

गो इंडिया स्टॉक्स डॉट कॉम (Go India Stocks.com) के फाउंडर राकेश अरोड़ा के मुताबिक निफ्टी मेटल साल 2023 की शुरुआत से अब तक सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला सेक्टोरल इंडेक्स रहा है। कैलेंडर वर्ष 2023 की शुरुआत से अब तक मेटल इंडेक्स 18 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है। इसके बाद सबसे ज्यादा गिरावट पीएसयू बैंक और रियल्टी इंडेक्स में देखने को मिली है। एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक मेटल इंडेक्स ने इस अवधि में निफ्टी की तुलना में काफी कमजोर प्रदर्शन किया है। निफ्टी में इस कैलेंडर ईयर में अब तक 6 फीसदी की ही गिरावट हुई है। जबकि मेटल इंडेक्स 18 फीसदी से ज्यादा टूटा है। राकेश का कहना है कि इस साल की दूसरी छमाही में इस सेक्टर के मार्जिन में सुधार देखने को मिल सकता है।

राकेश अरोड़ा ने क्रेडिट स्विस  (Credit Suisse) के तरलता संकट (liquidity crisis) के बारे में बात करते हुए कहा कि अभी यह देखा जाना बाकी है कि इस संकट का ओर कितना विस्तार हो सकता है। ये भी देखना होगा कि केंद्रीय बैंकों ने संकट से निपटने का कितना अनुभव प्राप्त किया है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कितनी तेजी से कदम उठा रहे हैं।

क्रेडिट सुइस संकट से भारत में होने वाले विदेशी निवेश पर होगा निगेटिव असर

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