RAVINDRA SONAVANE

RAVINDRA SONAVANE
इक्विटी मार्केट में देखने को मिल रही भारी उठापटक ने निवेशकों के सेंटीमेंट को काफी चोट पहुंचाई है। हाल में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023 में कैश सेगमेंट में स्टॉक एक्सचेंजों का डेली कैश वॉल्यूम 20 फीसदी से ज्यादा गिरकर 11 सालों को निचले स्तर पर पहुंच गया है। ताजे आंकड़ों के मुताबिक, BSE और NSE पर कैश सेगमेंट में समग्र औसत डेली टर्नओवर 57700 करोड़ पर रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें सालाना आधार पर 20.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। यह वित्त वर्ष 2012 के बाद आई सबसे बड़ी गिरावट और वित्त वर्ष 2016 के बाद आई पहली गिरावट है।
बता दें कि वित्त वर्ष 2016 में भी स्टॉक एक्सचेंजों में इक्विटी कैश सेगमेंट में डेली कैश वॉल्यूम में 5.4 फीसीद की गिरावट देखने को मिली थी। सेंट्रल बैंकों द्वारा महंगाई से निपटने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी, जियो पोलिटिकल तनाव और हाल ही में अमेरिका में पैदा हुए बैंकिंग संकट कुछ ऐसे कारण रहे हैं जिनके चलते वित्त वर्ष 2023 में बाजार में निवेशकों की संख्या भी घटी है। घरेलू बाजार की बात करें तो अदाणी ग्रुप से जुड़ा मामला, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और इस साल अलनीनों की संभावना के कारण कंपनियों का प्रदर्शन कमजोर रहने की आशंका जैसे कारण निवेशकों के सेंटीमेंट को चोट पहुंचा रहे हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेस के विनोद नायर का कहना है कि ग्लोबल बाजार में छाई कमजोरी और घरेलू इक्विटी मार्केट की सुस्ती के चलते संस्थागत और रिटेल निवेशकों की बाजार में हिस्सेदारी घटी है। इसके बावजूद रिटेल निवेशकों द्वारा लंबी अवधि के नजरिए से किए जाने वाले निवेश के चलते म्यूचुअल फंडों में अच्छा निवेश आता नजर आया है।
बाजार का ओवरऑल आउटलुक खराब नहीं
बाजार का सेंटीमेंट कमजोर है फिर भी तमाम एनालिस्टों का मानना है कि बाजार का ओवरऑल आउटलुक खराब नहीं है। बाजार जानकारों का कहना है कि एक बार ब्याज दरों में स्थिरता आ जाने और महंगाई पर लगाम लगने के बाद बाजार फिर से जोरदार वापसी करता दिखेगा। उनका ये भी कहना है कि वित्त वर्ष 2224 की दूसीर छमाही से ऐसा होता नजर आ सकता है।
एक्सपर्ट की राय
तेजी मंदी के अनमोल दास का कहना है कि बाजार में निवेशकों की रुचि बाजार के प्रदर्शन से जुड़ी होती है। कोरोना महामारी के दौरान टेक्नोलॉजी शेयरों में आई रैली के चलते वित्त वर्ष 2021 में औसत दैनिक टर्नओवर में 70 फीसदी की बढ़त देखने को मिली थी। इस ग्रोथ के चलते बेंचमार्क इंडेक्सों में कोरोना महामारी के दौर के निचले स्तर की तुलना में 80 फीसदी और कोरोना पूर्व की तुलना में 22 फीसदी की तेजी देखने को मिली थी। उन्होंने आगे कहा कि बाजार का प्रदर्शन निवेशकों की बाजार में भागीदारी को प्रभावित करता है। वर्तमान माइक्रो इकोनॉमिक स्थितियों के सुधरते ही एक बार निवेशक फिर से बाजार में लौटते दिखेंगे। बाजार में उपलब्ध इनवेस्टर ऐप इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।
डेरिवेटिव सेगमेंट का वॉल्यूम उच्चतम स्तर के करीब
इस बीच, डेरिवेटिव सेगमेंट का वॉल्यूम पिछले साल से हर महीने अब तक के उच्चतम स्तर के करीब रहा है। वित्त वर्ष 2023 में अब तक डेरिवेटिव सेगमेंट में औसत दैनिक टर्नओवर 150.67 लाख करोड़ रुपये रहा है जो वित्त वर्ष 2022 को 68.35 लाख करोड़ रुपये से 120 प्रतिशत ज्यादा है।
एनालिस्ट्स का कहना कि कई ट्रेडर्स ये मानते हैं कि ऑप्शंस को जरिए न्यूनतम निवेश करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। इसी के चलते FINNIFTY वीकली ऑप्शन की लोकप्रियता भी बढ़ रही है। उम्मीद है कि यह ट्रेंड बना रहेगा।
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