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रिकॉर्ड ऊंचाई पर शेयर बाजार, फिर क्यों मुनाफे में नहीं है कई रिटेल निवेशक? जानिए वजह

शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी भले ही नया रिकॉर्ड हाई बना रहे हों, लेकिन बड़ी संख्या में रिटेल निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में इसका फायदा नहीं दिख रहा है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके पीछे तेजी का सीमित दायरा, रिटेल निवेशकों का स्मॉलकैप शेयरों में अधिक निवेश, और ब्रॉडर मार्केट का कमजोर प्रदर्शन शामिल हैं

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Nov 28, 2025 पर 2:17 PM
रिकॉर्ड ऊंचाई पर शेयर बाजार, फिर क्यों मुनाफे में नहीं है कई रिटेल निवेशक? जानिए वजह
मार्केट कैप के हिसाब से, देश के टॉप 750 स्टॉक्स में सिर्फ 252 शेयर पिछले एक साल में बढ़े हैं

शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी भले ही नया रिकॉर्ड हाई बना रहे हों, लेकिन बड़ी संख्या में रिटेल निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में इसका फायदा नहीं दिख रहा है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके पीछे तेजी का सीमित दायरा, रिटेल निवेशकों का स्मॉलकैप शेयरों में अधिक निवेश, और ब्रॉडर मार्केट का कमजोर प्रदर्शन शामिल हैं।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा कि निफ्टी और सेंसेक्स में जो तेजी दिख रही है, वह असल में कुछ चुनिंदा बड़े शेयरों की वजह से है। उन्होंने बताया, “मार्केट नई ऊंचाइयों पर है, लेकिन अधिकतर रिटेल निवेशकों के पोर्टफोलियो अब भी नुकसान में हैं। खासतौर पर उन निवेशकों के जो जो मार्च 2020 के कोविड क्रैश के बाद बाजार में आए”

विजयकुमार का मानना है कि रिटेल निवेशकों में “स्मॉलकैप की दीवानगी” सबसे बड़ी समस्या है। अधिकतर निवेशक इन शेयरों में निवेश करते समय वैल्यूएशन की परवाह नहीं करते हैं। निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स अभी भी अपने पिछले उच्च स्तर से करीब 9% नीचे है। स्मॉलकैप कंपनियों की कमजोर अर्निंग ग्रोथ और ऊंचे वैल्यूएशन के चलते यह सेगमेंट लगातार दबाव में बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि मीडियम टर्म में भी स्मॉलकैप और माइक्रोकैप शेयरों का प्रदर्शन कमजोर बने रहने की उम्मीद है, जिसका असर रिटेल पोर्टफोलियो पर पड़ता रहेगा। उन्होंने कहा कि रिटेल निवेशकों को लार्जकैप शेयरों और मजबूत ग्रोथ वाली चुनिंदा मिडकैप कंपनियों की ओर रुख करना चाहिए।

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