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Daily Voice: घरेलू इकोनॉमी से जुडे़ शेयरों पर लगाएं दांव, 2023 की दूसरी छमाही में IPO बाजार में आएगी तेजी

Daily Voice:वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में ब्याज दरों के पीक पर होने, मैक्रो चुनौतियों कमी और बेहतर बैलेंस शीट से बाजार को सपोर्ट मिलेगा। फाइनेंशियल सर्विसेज इंडस्ट्री और इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट का करीब दो दशकों का अनुभव रखने वाले शिव सहगल को एक्स्पोर्ट आधारित शेयरों की तुलना में ऐसे स्टॉक पसंद हैं जो घरेलू इकोनॉमी पर निर्भर हैं। उनका कहना है कि हमारी घरेलू इकोनॉमी में ग्लोबल इकोनॉमी की तुलना में ज्यादा मजबूती देखने को मिलेगी। ऐसे में हमारा फोकस घरेलू इकोनॉमी से जुड़े शेयरों पर होना चाहिए

अपडेटेड Apr 08, 2023 पर 12:45 PM
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शिव सहगल ने कहा कि अगर बाजार में स्थिरता रहती है तो 2023 की दूसरी छमाही में बड़ी संख्या में लिस्टिंग देखने को मिल सकती है। बहुत सारी अच्छी कंपनियां अच्छे मौके की तलाश में हैं

नुवामा कैपिटल मार्केट्स (Nuvama Capital Markets) के प्रेसीडेंट और हेड शिव सहगल का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में इक्विटी मार्केट की कहानी दो हिस्सों में बंटी दिखेगी। वर्तमान के लिए धीमी पड़ती ग्रोथ सबसे बड़ी बाधा है। वहीं वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में ब्याज दरों के पीक पर होने, मैक्रो चुनौतियों में कमी और बेहतर बैलेंस शीट से बाजार को सपोर्ट मिलेगा। फाइनेंशियल सर्विसेज इंडस्ट्री और इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट का करीब दो दशकों का अनुभव रखने वाले शिव सहगल को एक्स्पोर्ट आधारित शेयरों की तुलना में ऐसे स्टॉक पसंद हैं जो घरेलू इकोनॉमी पर निर्भर हैं। उनका कहना है कि हमारी घरेलू इकोनॉमी में ग्लोबल इकोनॉमी की तुलना में ज्यादा मजबूती देखने को मिलेगी। ऐसे में हमारा फोकस घरेलू इकोनॉमी से जुड़े शेयरों पर होना चाहिए।

भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने कोई बड़ी चुनौती नहीं

शिव सहगल ने मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को किसी बड़ी बाधा का सामना करने की संभावना नहीं है क्योंकि इकोनॉमी में मांग बढ़ाने वाले कारक उपस्थित हैं और महंगाई नियंत्रित है। यहां हम शिव सहगल से हुई बातचीत का संक्षिप्त और संपादित अंश दे रहे हैं।


अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट आईटी सेक्टर के लिए सबसे बड़ी चुनौती

वित्त वर्ष 2024 में आईटी कंपनियों के लिए क्या हैं चुनौतियां? इस सवाल का जवाब देते हुए शिव सहगल ने कहा कि अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट आईटी सेक्टर के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इससे न सिर्फ बैंकिंग बल्कि दूसरे सेक्टरों में भी आईटी खर्च में कटौती देखने को मिलेगी। हाल के वैश्विक बैंकिंग संकट से उत्पन्न अनिश्चितता के कारण इस सेक्टर को निर्णय लेने में देरी और निकट अवधि में ग्राहकों की तरफ से टेक्नोलॉजी बजट में कटौती का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि अभी के लिए, भारतीय आईटी कंपनियों की ऑर्डर बुक काफी मजबूत बनी हुई है क्योंकि उनकी मुख्य ताकत में आईटी आउटसोर्सिंग और लागत अनुकूलन (cost optimisation)भी शामिल है।

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दूसरी छमाही में प्राथमिक बाजार में बढ़ेगा एक्शन

क्या 2023 की दूसरी छमाही में प्राथमिक बाजार में एक्शन बढ़ता दिखेगा? इस सवाल का जवाब देते हुए शिव सहगल ने कहा कि आईपीओ बाजार एक साल से अधिक समय से कमजोर है। काफी हद तक कंपनियों से जुड़ी उम्मीदें कम हुई हैं और अनलिस्टेड स्पेस में वैल्यूएशन अब काफी तर्कसंगत दिख रहे हैं। ऐसे में अगर बाजार में स्थिरता रहती है तो 2023 की दूसरी छमाही में बड़ी संख्या में लिस्टिंग देखने को मिल सकती है। बहुत सारी अच्छी कंपनियां अच्छे मौके की तलाश में हैं।

डिविडेंड यील्ड स्टॉक अब आकर्षक

क्या डिविडेंड यील्ड स्टॉक अब निवेश के लिए अच्छे दिख रहे हैं? इस सवाल पर शिव सहगल ने कहा हां, डिविडेंड यील्ड स्टॉक अब आकर्षक दिख रहे हैं क्योंकि अब अपने चरम पर हैं ऐसे में उनकी यील्ड और जोखिम मुक्त दर के बीच का अंतर बड़ा होना चाहिए।

 

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