Daily Voice : एंबिट एसेट मैनेजमेंट के सीईओ सुशांत भंसाली का मानना है कि 2024 में बैंकिंग, गैर-जरूरी उपभोक्ता खर्च (शौकिया खर्च) और ग्रामीण मांग पर आधारित शेयरों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में भंसाली ने आगे कहा कि मजबूत क्रेडिट ग्रोथ, अच्छी एसेट क्वालिटी, प्रति व्यक्ति आय में बढ़त और ग्रामीण इकोनॉमी में रिकवरी इन सेक्टरों के लिए बड़े ग्रोथ ड्राइवर साबित होंगे। उनका मानना है कि केमिकल और आईटी सेक्टर 2024 में छिपे रुस्तम साबित हो सकते हैं।
एसेट मैनेजमेंट और इक्विटी बाजारों में 19 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले सुशांत का कहना है कि हमें वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में कंपनियों की कमाई में किसी बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है। उन्होंने बताया कि उनकी जमीनी जांच से पता चलता है कि त्योहारी सीजन के दौरान मांग में अच्छी बढ़त की उम्मीद है। यहां हम आपके लिए इस साक्षात्कार का संपादित अंश दे रहे हैं।
बाजार पर बात करते हुए सुशांत ने आगे कहा कि हाल के राज्य चुनाव परिणामों के बाद, देश में राजनीतिक स्थिरता की बढ़ती संभावना से बाजार में उछाल देखने को मिली है। प्राथमिक बाजार में आईपीओ, राइट्स इश्यू, ओएफएस और क्यूआईपी के जरिए सालाना आधार पर 11 अरब डॉलर से ज्यादा जुटाए (सीवाईटीडी) गए हैं। मिड और स्मॉल-कैप कटेगरी/फंडों में जोरदार निवेश के चलते प्राथमिक बाजारों को हाल के वर्षों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। हालांकि, ताजे आकलन से संकेत मिलता है कि ग्लोबल और घरेलू दोनों कारणों की वजह फंडिंग में यह तेजी निकट अवधि में कम हो सकती है।
सितंबर 2021 और मई 2023 के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों में कंसोलीडेशन हुआ। साल 2023 की शुरुआत में कई अर्थशास्त्रियों और एक्सपर्ट्स ने संयुक्त राज्य अमेरिका और दूसरी विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की भविष्यवाणी की। हालांकि, मौजूदा महंगाई और रोजगार डेटा स्थितियों के सुधरने के संकेत दे रहे हैं। जिसके चलते बाजार ये मानकर चल रहा है साल 2024 में ब्याज दरों में 75 से 100 आधार अंकों तक की कटौती हो सकती है। अमेरिकी बांड यील्ड वर्तमान में 4 फीसदी से काफी नीचे है, जो अक्टूबर 2023 के 5 फीसदी से काफी कम है। अमेरिकी बांड यील्ड में गिरावट बाजार के लिए शुभ संकेत है। अगली तिमाही से बाजार नई तेजी पकड़ सकता है।
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि ग्लोबल कंपनियों द्वारा आईटी पर खर्च रोकने या कम करने के चलते कमजोर प्रदर्शन के बावजूद, आईटी सेक्टर ने कैलेंडर ईयर 2023 में कई बड़े ऑर्डर जीते। जैसे-जैसे ब्याज दरों पर स्पष्टता आएगी, कंपनियों के आईटी खर्च में बढ़त की उम्मीद है, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों और पूरे सेक्टर की कमाई में फिर से तेजी आएगी।
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