Daily Voice : श्रीराम एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Shriram Asset Management Company) के सीनियर फंड मैनेजर दीपक रामाराजू (Deepak Ramaraj) कहते हैं, लंबी अवधि के निवेश नजरिए से भारत काफी आकर्षक नजर आ रहा है। उनका का कहना है कि जब तक अमेरिका में महंगाई के रुझान और इंटरेस्ट रेट साइकिल में स्थिरता पर और स्पष्टता नहीं आ जाती तब तक भारतीय बाजार में कंसोलीडेशन जारी रहेगा। ऐतिहासिक रूप से देखें तो ब्याज दरों में बढ़त के चक्र के समाप्त होने से पहले इक्विटी बाजार एक सीमित दायरे में काफी वोलेटाइल रहते हैं। ऐसे में उम्मीद है कि निकट की अवधि में बाजार एक दायरे में कारोबार करता रहेगा। साथ ही ये वोलेटाइल भी रहेगा।
वित्त वर्ष 2024 में ईपीएस ग्रोथ 10-12 फीसदी रहने की उम्मीद
दीपक रामाराजू को वित्त वर्ष 2024 के दौरान ईपीएस ग्रोथ 10-12 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद है। अल नीनो के प्रभाव, ग्लोबल डिमांड में सुस्ती, ग्रामीण खपत में सुस्ती, गैर-जरूरी खर्चों में कटौती, कमोडिटी कीमतों की अस्थिरता, उच्च क्रेडिट लागत कंपनियों की कमाई को प्रभावित करने वाले बड़े फैक्टर होंगे।
इक्विटी और कैपिटल मार्केट का 22 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले दीपक रामाराजू ने मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में आगे कहा कि वित्त वर्ष 2024 में हमें बैंकों के लोन एकाउंट में जोरदार ग्रोथ देखने को मिली है। इनकी एसेट क्वालिटी में भी स्थिरता रही है। हालांकि इनके नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर दबाव देखने को मिला है। उनका मानना है कि फिलहाल बैंकों की क्रेडिट लागत ऊंची बनी रहेगी, जिसका असर इनके एनआईएम पर पड़ेगा। इस माहौल में लो-कॉस्ट डिपाजिट बेस वाले बैंक अच्छा प्रदर्शन करेंगे। फाइनेंशियल सेक्टर के लिए उच्च ब्याज दरों के दौर में डिपाॉजिट जमा करना काफी चुनौतीपूर्ण होगा। ऐसे में फिलहाल फाइनेंशियल सेक्टर में कमाई में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है।
ऑटो सेक्टर का वैल्यूएशन महंगा
ऑटो सेक्टर के वैल्यूएशन की बात करें तो यह लगातार महंगा बना हुआ है। वर्तमान में ये सेक्टर ट्रेलिंग बेसिस पर 2x से ज्यादा के स्टैंडर्ड डेविएशन (मानक विचलन) पर कारोबार हो रहा है। वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में इस सेक्टर के नतीजे मिलेजुले रहे हैं। कठोर प्रतिस्पर्धा, निर्यात बाजार में मंदी, सेमी-कंडक्टर की उपलब्धता में तंगी और कमोडिटी की कीमतों में अस्थिरता के बीच ऑटो कंपनियों की आय में बढ़त की संभावना नहीं है। हालांकि नए लॉन्च/फेस लिफ्ट से उपभोक्ताओं का उत्साह बना रह सकता है। लेकिन वास्तविक कमाई में बढ़ोतरी कठिन होगी। अल नीनो के कारण ग्रामीण खर्च पर दबाव बना रहेगा और शहरी गैर-जरूरी खर्च भी कम होगा। इसका असर ऑटो शेयरों पर देखने को मिलेगा।
भारत ग्लोबल लेवल पर सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में रहेगा
देश की इकोनॉमी पर बात करते हुए दीपक रामाराजू ने कहा कि अगले दशक तक भारत ग्लोबल लेवल पर सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा। जब तमाम बड़ी यूरोपीय अर्थव्यवस्थाएं मंदी में प्रवेश कर रही हैं, उस समय भारत की स्थित काफी मजबूत दिख रही है। यहां तक कि विश्व बैंक का भी मानना है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2024 में 6 फीसदी (Global Economic Prospects Report), वित्त वर्ष 2025 में 6.4 फीसदी और वित्त वर्ष 2026 में 6.5 फीसदी से ज्यादा रहेगी। आगे देश की इकोनॉमी में होने वाली ग्रोथ से बाजार में भी मजबूती आएगी।
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