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Daily Voice: बाजार में देखने को मिलेगा तेज उतार-चढ़ाव, अच्छी क्वालिटी की मजबूत बैलेंस शीट वाली कंपनियां करेंगी बेड़ा पार

Daily Voice : हर्षद का मानना कि 2025 में पिछले वर्षों की तुलना में अपेक्षाकृत कम रिटर्न के साथ अहम औसतों में कुछ बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि, मध्यम से लंबी अवधि के नजरिए भारतीय इक्विटी बाजार का आउटलुक अच्छा बना हुआ है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 22, 2024 पर 3:44 PM
Daily Voice: बाजार में देखने को मिलेगा तेज उतार-चढ़ाव, अच्छी क्वालिटी की मजबूत बैलेंस शीट वाली कंपनियां करेंगी बेड़ा पार
हर्षद पाटिल ने कहा अच्छी क्वालिटी वाली कंपनियों की बैलेंस शीट अपेक्षाकृत मजबूत होती है,जिससे उनकी वित्तीय स्थिरता बढ़ती है और आर्थिक मंदी के दौर में इनमें कम जोखिम होता है

Stock market trend : टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस के हर्षद पाटिल को उम्मीद है कि 2025 तक सरकार के पूंजीगत व्यय में बढ़त के कारण मजबूत आर्थिक सुधार देखने को मिलेगा और सर्दियों की फसल की मजबूत संभावनाओं के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुधार देखने को मिलेगा। उनका मानना ​​है कि सरकारी प्रोत्साहनों और चीन प्लस वन थीम के कारण घरेलू और निर्यात दोनों प्रकार के मैन्युफैक्चरिंग के मजबूत बने रहने की उम्मीद है। आईटी पर अमेरिकी कंपनियों के खर्च में सुधार के कारण आईटी सेवाओं का निर्यात वित्त वर्ष 2025 में भी बेहतर रहने की उम्मीद। साथ ही,आरबीआई द्वारा सीआरआर में कटौती के बाद सिस्टम में नकदी बढ़ने से बैंकों में भी कुछ सुधार देखने को मिल सकता है।

उनका मानना है बाजार ने हाल ही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा नीति दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती को हॉकिश रेट कट के रूप में देखा है। उनको उम्मीद है कि फेड नए अमेरिकी प्रशासन की नीतिगत कार्रवाई के जवाब में मजबूती के साथ डेटा पर निर्भर रहेगा और सतर्क बना रहेगा।

हर्षद पाटिल ने आगे कहा कि भारतीय बाजारों ने पिछले 2 सालों में प्रत्येक वर्ष शानदार रिटर्न दिया है और यह सबसे अधिक रिटर्न देने वाले बाजारों में से एक रहा है। अक्टूबर और नवंबर में लगभग 13 बिलियन डॉलर के FII निकासी के दौरान बाजार को मजबूत घरेलू निवेश ने सहारा दिया है। इसके चलते बाजार की गिरावट लगभग 7 फीसदी तक सीमित रही। हर्षद का मानना कि 2025 में पिछले वर्षों की तुलना में अपेक्षाकृत कम रिटर्न के साथ अहम औसतों में कुछ बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि, मध्यम से लंबी अवधि के नजरिए भारतीय इक्विटी बाजार का आउटलुक अच्छा बना हुआ है।

कोविड के बाद जीडीपी में अच्छी ग्रोथ के दौर के बाद, मैक्रो आंकड़ों के मोर्चे पर भारत के हालिया आंकड़े मिले जुले संकेत दे रहे हैं। हर्षद का मानना ​​है कि सरकारी खर्च में बढ़त और ग्रामीण मांग में सुधार के कारण वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही में ग्रोथ में तेजी आने की संभावना है।

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