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Daily Voice : बड़ौदा BNP परिबा के शिव चनानी की राय, इन 4 सेक्टरों में वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में हो सकती है डबल डिजिट ग्रोथ

Market outlook : आरबीआई पॉलिसी के लहजे और रुख में बदलाव को देखते हुए आगे दरों में और कटौती के संकेत मिल रहे हैं। बड़ौदा बीएनपी पारिबा एमएफ के शिव चनानी ने का कहना कि वित्त वर्ष 2026 में दरों में कुल कटौती की उम्मीदें और ज्यादा बढ़ गई हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 10, 2025 पर 2:12 PM
Daily Voice : बड़ौदा BNP परिबा के शिव चनानी की राय, इन 4 सेक्टरों में वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में हो सकती है डबल डिजिट ग्रोथ
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बड़ौदा बीएनपी पारिबा म्यूचुअल फंड में इक्विटी सेगमेंट के सीनियर फंड मैनेजर शिव चनानी का कहना है कि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में निफ्टी 50 कंपनियों के लिए कुल मुनाफे में लो सिंगल डिजिट ग्रोथ की ही संभावना है। उन्होंने आगे कहा कि टेलीकॉम,मेटल,कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी और हेल्थ सर्विस जैसे सेक्टरों में हेल्दी डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज होने की संभावना है,जबकि तेल और गैस और सीमेंट सेक्टरों में सालाना आधार पर आय में गिरावट होने की आशंका है। वे FMCG सेक्टर पर काफी पॉजिटिव हैं।

इक्विटी रिसर्च और एसेट मैनेजमेंट में 24 साल का अनुभव रखने वाले शिव चनानी का मानना है कि कर छूट से मिलने वाले फायदे के कारण शहरी मांग में सुधार होने की संभावना है,इसलिए FMCG सेक्टर में आगे अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है।

क्या आप मानते हैं कि वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में आय में गिरावट जारी रहेगी, खासकर टैरिफ घोषणाओं के बाद? इस पर शिव चनानी ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 में दो विपरीत फैक्टर एक साथ देखने को मिल रहे हैं। एक ओर,यूएस टैरिफ के कारण ग्लोबल बाजार में अनिश्चितता है और यह स्पष्ट नहीं है कि स्थितियां कैसी करवट लेंगी। दूसरी ओर बजट में कर कटौती के बाद डिस्क्रिशनरी खर्च में सुधार की उम्मीद के चलते घरेलू अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हैं।

इसके साथ ही,हमें यह भी याद रखना चाहिए कि पिछले साल की पहली छमाही में चुनावों के कारण इकोनॉमिक गतिविधियां काफी धीमी हो गई थीं। ऐसे में हमारे पास एक अनुकूल बेस है। कुल मिला कर वित्त वर्ष 2026 की अर्निंग ग्रोथ 10 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है। जो ओवरऑल नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ के मुताबिक है। ऐसे में ओवरऑल बेसिस पर अर्निंग डाउनग्रेड का जोखिम कम है बशर्ते कि ग्लोबल इकोनॉमी में कोई बड़ी मंदी न आए।

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